नईदुनिया प्रतिनिधि, भिंड: मप्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह की लहार स्थित बहुचर्चित कोठी विवाद का मामले में हाईकोर्ट ने उनके बेटे की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि विवाद की सुनवाई का अधिकार सिविल न्यायालय को है और राजस्व विभाग की ओ से की गई नापतौल सही पाई गई है।
डा. गोविंद सिंह के बेटे डा. अमित प्रताप सिंह ने राजस्व विभाग की नापतौल की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि मामला संपत्ति विवाद का है, जो पूरी तरह सिविल प्रकृति का है इसलिए इस पर संबंधित सिविल न्यायालय में ही सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि लहार नगर पालिका का इस विवाद से कोई सीधा संबंध नहीं है इसलिए उसे मामले से अलग कर दिया गया है। याचिकाकर्ता डा. अमित प्रताप सिंह ने फैसले पर कहा कि सिविल कोर्ट में वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
वार्ड 12 मझतौरा मोहल्ला के अनुसूचित जाति समाज के लोगों ने एसडीएम के यहां शिकायत की थी कि कोठी सरकारी आम रास्ता पर बनी है। प्रशासन ने सीमांकन कराया तो कोठी का कुछ हिस्सा सरकारी निकला। पूर्व नेता प्रतिपक्ष के बेटे डा. अमित प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में सीमांकन के विरोध में याचिका लगा दी। उस समय प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं ने यहा रैली कर प्रशासन को चुनौती भी दी थी।
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हाईकोर्ट ने याचिका खारिज की तो डा. अमित प्रताप सिंह सुप्रीमकोर्ट गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला राजस्व (SDM) न्यायालय ले जाएं। राजस्व न्यायालय ने सुनवाई में सीमांकन को सही ठहराया तो राजस्व न्यायालय के खिलाफ डा. अमित प्रताप सिंह फिर हाईकोर्ट गए।