
नईदुनिया प्रतिनिधि, भिंड: फूप थाना पुलिस पर कस्टडी में पांच लोगों से बर्बर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं। आरोपियों को शनिवार को जब कोर्ट में पेश किया गया, तो उनकी हालत देखकर न्यायाधीश ने पुलिस द्वारा कराई गई मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पैनल बोर्ड से दोबारा मेडिकल कराने के आदेश दिए। साथ ही, सभी पांचों आरोपियों को तत्काल जमानत दे दी गई।
सैनिक कालोनी निवासी विवेक शर्मा शुक्रवार शाम सब्जी ठेले पर खड़े थे। तभी छोटू जाटव की बाइक उनसे टकरा गई और दोनों गिर पड़े। इसके बाद विवेक और उसके स्वजन ने छोटू से मारपीट कर दी। भीड़ इकट्ठा होने से सड़क पर जाम लग गया। सूचना पर सादी वर्दी में पुलिस जवान राहुल राजावत मौके पर पहुंचे। बीच-बचाव के दौरान विवेक पक्ष के लोगों से उनकी कहासुनी हो गई। वीडियो बनाने की कोशिश कर रहे दीपक परमार का मोबाइल भी छीन लिया गया। पुलिस ने क्रास एफआइआर दर्ज कर दोनों पक्षों को थाने भेजा।
रात में पुलिस विवेक शर्मा के घर पहुंची और कई लोगों को हिरासत में ले गई। महिलाओं व बच्चों को बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन विवेक शर्मा, प्रमोद शर्मा, अभिषेक शर्मा, दीपक शर्मा और सुरेश शर्मा को रातभर हवालात में रखा गया। आरोप है कि हवालात में पांचों लोगों को लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा गया। प्रमोद और दीपक की हालत सबसे गंभीर बताई गई है। शनिवार को जब गिरफ्तार आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, तो प्रमोद और दीपक चल भी नहीं पा रहे थे।
प्रमोद ने अदालत को बताया कि पुलिस ने रातभर लाठियों से मारपीट की। मेडिकल रिपोर्ट में प्रमोद के शरीर पर 11 गहरी चोटें दर्ज थीं। जज ने पुलिस की रिपोर्ट को संदिग्ध मानते हुए उसे अमान्य करार दिया और दोबारा पैनल बोर्ड से मेडिकल कराने के आदेश दिए। न्यायालय ने सभी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया। कोर्ट परिसर से निकलते वक्त प्रमोद सड़क पर गिर पड़े। उनका कहना था कि अब चला नहीं जाता, मेरी पसलियां टूट गई हैं।
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दीपक शर्मा की पत्नी वसुंधरा देवी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं को घसीटा और बिना लेडी पुलिस के वाहन में बैठाने की कोशिश की। बेटी प्रतिमा ने भी दो पुलिसकर्मियों पर मोबाइल छीनने और खींचातानी का आरोप लगाया। वहीं, फूप थाना प्रभारी सत्येंद्र राजपूत ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक मामूली एक्सीडेंट का मामला था, जिसे विवेक पक्ष ने बड़ा बनाया। उनके अनुसार पुलिस ने किसी से मारपीट नहीं की, आरोपित सिर्फ नाटक कर रहे हैं।
कोर्ट ने पैनल बोर्ड से मेडिकल कराए जाने के निर्देश दिए हैं, उसी आधार पर दोबारा चेकअप कराया जाएगा। यदि किसी पक्ष द्वारा गलत व्यवहार या मारपीट की शिकायत की जाती है, तो पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
-रविंद्र वास्कले, एसडीओपी अटेर
पुलिस ने हमारे पक्ष के लोगों के साथ बर्बरता की है। हवालात में उनकी लाठियों से पिटाई की गई, जिसका सबूत प्रमोद के शरीर पर मौजूद 11 चोटें हैं। पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण एवं बर्बरता पूर्ण रहा। पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए गैर कानूनी तरीके से आरोपित पक्षकारों के साथ मारपीट की। न्यायालय द्वारा सभी आहतों के मेडिकल बोर्ड से पुन: परीक्षण कराने के निर्देश फूफ थाना प्रभारी को दिए हैं।
-हिमांशू शर्मा, आरोपित-पीड़ित पक्ष के वकील