भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल तक बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई हुई। इस कारण बच्चों की पढ़ने और लिखने की क्षमता पर असर पड़ा है। बच्चों में लिखने की आदत बिल्कुल खत्म हो गई है। अब बच्चों की आफलाइन परीक्षा ली जा रही है। इस कारण बच्चे पूरा पेपर हल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रेलवे चाइल्ड लाइन के पास आया। यहां एक 13 वर्षीय बच्ची इसलिए घर छोड़कर चली गई, क्योंकि उसे पेपर बिगड़ने के कारण फेल होने की चिंता सता रही थी। काउंसिलिंग में उसने बताया कि सातवीं कक्षा की आफलाइन परीक्षा में वह चाहकर भी फुर्ती से प्रश्नपत्र को हल नहीं कर पाई, इसलिए डर के मारे उसने यह कदम उठाया।
बच्ची को बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद परिवार को सौंप दिया गया है। रेलवे चाइल्ड लाइन ने बताया कि बच्ची इंदौर जिले की रहने वाली है। बच्ची आफलाइन परीक्षा देने के बाद डर गई थी कि वह बेहतर नहीं कर पाएगी। उसने अपने चचेरे भाई को यह कहा था कि यदि वह फेल हो गई तो घर से कहीं दूर चली जाएगी। रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक संजीव जोशी ने बताया कि बच्ची के घर से निकलते ही परिवार ने पुलिस को सूचना दे दी थी। इसके बाद कई जिलों के स्टेशनों पर बच्ची को ट्रेस करना शुरू किया गया। इंदौर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी में बच्ची ओवरनाइट ट्रेन में बैठते हुए नजर आई। भोपाल में जीआरपी और रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्ची को रेस्क्यू किया।
बता दें कि मामले में रेलवे चाइल्ड लाइन ने बच्ची का हाल जाना तो पता चला कि अब वह सकारात्मक होकर आगे की परीक्षा की तैयारी कर रही है। बच्ची के माता-पिता सरकारी नौकरी में हैं और उन्होंने बताया कि वे बच्ची के मनोभाव को नहीं समझ सके। उसे हमेशा पढ़ाई करने के लिए डांटते रहते थे। इस कारण उसके मन में डर पैदा हो गया। अभिभावकों ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा सोचा नहीं था कि बच्ची ऐसा कदम उठाएगी। अब उसे समय देंगे।
बच्ची ने मानी गलती
काउंसिलिंग में बच्ची ने बताया कि घर का माहौल बहुत अच्छा है। उसने कहा कि वह हमेशा मेधावी की सूची में शामिल रही है। इस साल भी उसे यही लग रहा था कि आनलाइन परीक्षा होगी। जब आफलाइन परीक्षा के बारे में पता चला तो उसे डर लगने लगा कि वह अच्छा रिजल्ट नहीं ला पाएगी। जब एक विषय का पेपर खराब गया तो उसकी हिम्मत टूट गई। उसने सोचा कि बेहतर है कि वह बाकी विषयों के पेपर न दे। बच्ची ने घर छोड़ने की बात को अपनी गलती माना और उसने कहा कि ट्रेन में बैठने के बाद उसे एहसास हो गया था कि उसने गलत कदम उठाया है। उसने कहा कि वह आगे कभी ऐसा कदम नहीं उठाएगी।
Posted By: Ravindra Soni
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