राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में अगले एक वर्ष में विकास के कौन-कौन से काम प्राथमिकता के आधार पर होंगे, इसका रोडमैप मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में तय किया जाएगा। इसके लिए सात और आठ अक्टूबर को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर, आइजी-एसपी कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें 30 मंत्री और 200 अधिकारी शामिल होंगे।
अनुभव होगा साझा
केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर वरिष्ठ अधिकारी प्रस्तुतीकरण देंगे और कलेक्टर अपने मैदानी अनुभव साझा करेंगे। पहली बार नगर निगम आयुक्त और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी बैठक में शामिल हो रहे हैं। कोरोना महामारी के बाद यह पहला अवसर है, जब सभी अधिकारियों को एक साथ भोपाल बुलाया गया है। हाल ही में 16 जिलों में नए कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ नियुक्त हुए हैं। नगर निगम कमिश्नर भी बदले गए हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि उसकी प्राथमिकताएं नए अधिकारियों तक स्पष्ट रूप से पहुंचे और योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याएं भी उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आएं।
कांफ्रेंस में तीन माह की कार्ययोजना तैयार होगी। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री के संबोधन से होगी, जिसमें वह सरकार की प्राथमिकताओं के साथ लक्ष्यों को भी स्पष्ट करेंगे। दो दिन में आठ सत्र होंगे, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी विषय से संबंधित प्रस्तुतीकरण देंगे। प्रत्येक सत्र में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, कार्यक्रमों की स्थिति और आगामी लक्ष्यों पर चर्चा होगी। कलेक्टर मैदानी स्थिति, नवाचार और उनके परिणामों की जानकारी देंगे।
आज इन विषयों पर होगी चर्चा
कृषि, स्वास्थ्य और पोषण, रोजगार, उद्योग और निवेश, नगरीय विकास और सुशासन।
पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक
पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा अलग बैठक करेंगे। इसमें कानून व्यवस्था से जुड़े विषयों पर रिपोर्ट ली जाएगी। उधर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव दीपाली रस्तोगी जिला पंचायत सीईओ के साथ विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के लक्ष्य और क्रियान्वयन को लेकर चर्चा करेंगी।