नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। साइबर ठगों ने भोपाल निवासी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) से सेवानिवृत्त अधिकारी को पहलगाम हमले की साजिश में शामिल होने की बात कहकर धमकाया फिर लगातार दो महीने 10 दिन यानी पूरे 70 दिनों तक उन्हें और उनकी पत्नी को डिजिटल अरेस्ट रखकर 68 लाख रुपये अपने बताए खातों में जमा करवा लिए। चार जुलाई से ठगों ने बुजुर्ग दंपती को डरा-धमकाकर 11 बैंक खातों में रकम जमा कराई। बुजुर्ग ने पहले ग्रेच्युटी और बैंक में जमा 48 लाख रुपये भेज दिए।
ठगों ने और दबाव बनाया तो बेटी, भतीजे और समधी से भी उधार लेकर 20 लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद भी ठगों ने और रकम भेजने के लिए मकान बेचने को कहा। इसके लिए गुरुवार को बुजुर्ग ने जब अपने बेटे को फोन किया तो डिजिटल अरेस्ट से पर्दा उठा। बेटे ने सच्चाई जानकर साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
भोपाल के नए शहर के साकेत नगर में रहने वाले भेल से सेवानिवृत्त अधिकारी के मोबाइल पर गत 4 जुलाई को सुबह फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी सुधीर कुमार बताया और कहा कि आपके आधार कार्ड से रजिस्टर मोबाइल नंबर का उपयोग पहलगाम आंतकी हमले की साजिश के दौरान हुआ है। यह भी कहा कि आपके खाते में एक गैंगस्टर ने 6 करोड़ 80 लाख रुपये जमा किए हैं।
बुजुर्ग ने इन सब आरोपों को गलत बताया तो फोन करने वाले ठग ने अपने साथी को सीबीआई का अधिकारी बताते हुए उसे लाइन पर लेकर बात कराई। तीनों के बीच करीब दो घंटे वीडियो कॉल पर बात हुई। दोनों ठगों ने कहा कि यदि आप निर्दोष हैं तो अपनी पूरी राशि को उनके बताए बैंक खाता में जमा कर दें, जिससे पुलिस और सीबीआई पूरी जांच कर लेगी। अगर राशि का मनी लांड्रिंग से संबंध नहीं मिला तो रुपये वापस मिल जाएंगे।
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पीड़ित बुजुर्ग के अनुसार, ठगों ने उन्हें चेताया कि किसी से यह बात साझा की तो उन्हें बचाना मुश्किल होगा और उनके बेटा-बेटी की जान का खतरा है। ठग वाट्सएप मैसेज से लगातार संपर्क बनाए रखकर उनसे रकम जमा कराते रहे। वे अलग-अलग नंबरों से मैसेज करते और मैसेज पर ही बताते कि कब किस खाते में कितने रुपये जमा करना है। बुजुर्ग हर बार बैंक जाते और दिए गए खाते में चुपचाप रुपये जमा करके लौट आते। वे घर से बैंक या किसी जरूरत का सामान लेने बाहर जाते तो उसकी जानकारी भी पल-पल मैसेज कर ठगों तक पहुंचाते थे।