
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। यात्रीगण कृपया ध्यान दें .... एम्स नगर मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर भोपाल मेट्रो आपके पहले सफर के लिए तैयार है। हालांकि इस सफर के लिए भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को कई उतार-चढ़ाव से होकर गुजरना पड़ा। इस प्रोजेक्ट की परिकल्पना 2009 में की गई थी।
2011 में डीपीआर बनाने के आदेश हुए और 2018 में पहला वर्क ऑर्डर हुआ। करीब आठ साल बाद भोपाल मेट्रो की सौगात जनता को मिलने जा रही है, जबकि एमपी मेट्रो कॉरपोरेशन ने भोपाल और इंदौर में एक साथ मेट्रो प्रोजेक्ट का काम शुरू किया, लेकिन यहां भी इंदौर ने पहले ही बाजी मारी।
करीब सात महीने पहले इंदौर में मेट्रो का लोकार्पण हो चुका है। अब बारी भोपाल मेट्रो की है, जिसका लोकार्पण 20 दिसंबर को होगा और 21 दिसंबर से शहर की जनता इसमें सफर कर सकेगी। चूंकि हम बात कर रहे हैं प्रोजेक्ट के उतार-चढ़ाव की यहां हम आपको बता दें कि प्रोजेक्ट निर्माण में धीमी गति और कई विभागों के बीच समन्वय की कमी, बार-बार प्रबंधन में बदलाव और कोविड-19 के दौर से भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट होकर गुजरा है।
ऑरेंज लाइन के प्रायोरिटी कॉरिडोर के साथ भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का काम 2019 में शुरू हुआ। इस काम को 2022 में पूरा किया जाना था, लेकिन कोविड-19 के कारण प्रोजेक्ट का काम 2020 में पूरी तरह ठप रहा। ऐसा ही कुछ हाल 2021 का रहा, लेकिन साल के अंत में प्रोजेक्ट का काम दोबारा शुरू किया गया, लेकिन लेबर के नहीं मिलने के कारण काम लगातार पिछड़ता गया।
जैसे-तैसे 2022 में मेट्रो प्रोजेक्ट के काम के लिए मजदूर मिले। इसके बाद प्रोजेक्ट के काम ने रफ्तार पकड़ी। हालांकि इस बीच में कभी मशीनों की दिक्कत तो कभी लेबर की, लेकिन इस दौरान तक प्रायोरिटी कॉरिडोर के पिलर खड़े हो गए थे। गर्डर रखे जा चुके थे। पटरियों को बिछाने का काम चला। कुल मिलाकर सुभाष नगर से लेकर रानी कमलापति मेट्रो रेलवे स्टेशन तक एलिवेटेड कारिडोर का 70 फीसद काम हो चुका था।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रेशर को भी झेलना पड़ा। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले 3 अक्टूबर 2023 को पहला मेट्रो का ट्रायल रन लिया। इस दौरान उन्होंने सुभाष नगर से लेकर रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में बैठकर सफर किया। तब मुख्यमंत्री ने इसको अप्रैल-मई 2024 तक शुरू करने की बात कहीं थी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री के सफर करने के बाद प्रायोरिटी कारिडोर की लंबाई बढ़ाई गई। पहले मेट्रो सुभाष नगर से लेकर रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन तक करीब 4 किलोमीटर चलाई जानी थी, लेकिन बाद में प्रोजेक्ट की लंबाई को एम्स मेट्रो स्टेशन तक 3.4 किलोमीटर को बढ़ा दिया गया। इस वजह से इस प्रायोरिटी कॉरिडोर की लंबाई 7.4 किलोमीटर है।
प्रायोरिटी कारिडोर अब सुभाष नगर से एम्स तक हुआ। इस बीच रेलवे लाइन के ऊपर स्टील ब्रिज रखा जाना था। यह काम रेलवे द्वारा किया जाना था। रेलवे ने इस स्टील ब्रिज को रखने में सालभर से अधिक समय लगा दिया। इस बीच में मेट्रो ने एम्स से एलिवेटेड कारिडोर बनाने का काम जारी रखा। स्टील ब्रिज रखने के बाद एलिवेटेड कारिडोर से ब्रिज को जोड़ा गया।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को पूरा करने की सबसे पहली समय सीमा 2022 थी। फिर 2023 तक यह काम पूरा होना था, लेकिन नहीं हुआ। इसके बाद अप्रैल-मई 2024 डेडलाइन तय हुई। तब भी काम पूरा नहीं हुआ। इसके बाद अक्टूबर 2024 हुई । फिर 2025 जुलाई को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मेट्रो का ट्रायल रन किया। तब अक्टूबर में मेट्रो को शुरू करने की बात कहीं गई। फाइनली 20 दिसंबर 2025 को मेट्रो का लोकार्पण किया जा रहा है।
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट का पहला वर्क आर्डर 2018 में हुआ था। कई बाधाओं को पार करते हुए आखिरकार भोपाल मेट्रो का लोकार्पण आज होने जा रहा है। प्रोजेक्ट को अप्रैल 2025 तक पूरा करना था। हम प्रोजेक्ट को पूरा करने में छह महीने लेट हुए हैं। एस. कृष्ण चैतन्य, एमडी, एमपी मेट्रो कारपोरेशन।
सुभाष नगर मेट्रो डिपो - एसबीएन
केंद्रीय विद्यालय - केवी बोर्ड
ऑफिस चौराहा - बीओसी
एमपी नगर - एमपीएन
रानी कमलापति - आरकेएमपी
डीआरएम ऑफिस - डीआरएम
अलकापुरी - एएलके
एम्स - एआईआईएमएस
ऑरेंज लाइन- 30.95 किलोमीटर कुल लंबाई, 30 मेट्रो स्टेशन प्रायोरिटी कारिडोर - एम्स से सुभाष नगर 7.5 किलोमीटर का प्रायोरिटी करिडोर 08 मेट्रो स्टेशन।
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कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) की टीम ने भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर (सुभाष नगर से एम्स) का तीन बार जांच की । जिसमें नवंबर 2025 में 12 से 15 तारीख तक अंतिम निरीक्षण किया । जिसमें डिपो, ट्रैक, सिग्नलिंग, ट्रेन और सभी स्टेशनों की बारीकी से जांच की गई और इसके बाद कमर्शियल संचालन के लिए ओके टू रन रिपोर्ट (ग्रीन सिग्नल) दे दिया है।