
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर परिषदों में मेयर इन काउंसिल (एमआइसी) और प्रेसिडेंट इन काउंसिल (पीआइसी) की बैठकें नियमित रूप से होंगी। यह बैठक टलीं तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के अपर आयुक्त दिव्यांक सिंह ने इस संबंध में सभी आयुक्तों और सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं।
किया आदेश जारी किया गया
उन्होंने कहा कि बैठकें ऐसे समय में की जाएं कि शहर विकास से जुड़ा कोई भी प्रकरण दस दिन से अधिक समय तक लंबित न रहे। दरअसल, विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समक्ष समय पर बैठकें नहीं होने की शिकायतें मिल रही थीं। पिछले माह उनकी मौजूदगी में नगर निगमों के महापौरों, निगमायुक्तों और नगरपालिका व नगर परिषदों के अध्यक्षों, सीएमओ की बैठक मंत्रालय में हुई हुई थी। इसमें मंत्री ने कहा था कि निगम आयुक्त, महापौर, नपा अध्यक्ष और सीएमओ आपस में तो चर्चा कर लेते हैं, लेकिन एमआइसी और पीआइसी की बैठक नहीं होती।
बैठक न होना लापरवाही माना जाएगा
अब नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भी साफ कर दिया है कि समय पर बैठकें नहीं होने पर इसे गंभीर लापरवाही माना जाएगा। मध्य प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 37 में नगर निगमों में मेयर इन काउंसिल का प्रविधान है। नगरपालिका व नगर परिषद में प्रेसिडेंट इन काउंसिल के गठन का प्रविधान मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 70 में है।