राज्य ब्यूरो, नईदुनिया.भोपाल। प्रदेश के सरकारी और निजी नर्सिंग कालेजों में प्रवेश की आखिरी तारीख 30 सितंबर है। यानी लगभग डेढ़ माह बचे हैं, पर अभी तक मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने कालेजों की मान्यता ही जारी नहीं की है। कुल 170 कॉलेजों में 90 का निरीक्षण पूरा हो चुका है और 80 का होना है, इसी फेर में मान्यता सूची अटकी है। इनमें नए और पुराने दोनों तरह के कॉलेज सम्मिलित हैं। काउंसिल सभी कॉलेजों का निरीक्षण होने के बाद मान्यता जारी करने की तैयारी में है।
निरीक्षण कलेक्टरों द्वारा गठित दलों को करना है पर वे रुचि नहीं ले रहे हैं। 14 जुलाई तक निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत हो जानी थी। इस तरह इस काम में भी एक माह की देरी हो चुकी है। देरी से बड़ा नुकसान यह होगा कि प्रवेश के लिए काउंसिलिंग निर्धारित तीन दौर की जगह एक दौर ही हो पाएगी।
इससे सीटें रिक्त रह जाने की संभावना है। प्रवेश के लिए पंजीयन के बाद प्रत्येक चरण की काउंसिलिंग में 10 से 15 दिन लगते हैं। ऐसे में तय कार्यक्रम के अनुसार काउंसिलिंग पर असमंजस है। निरीक्षण पूरा करने के लिए नर्सिंग काउंसिल की तरफ से कलेक्टरों को तीन-तीन बार पत्र लिखा जा चुका है, पर गति तेज नहीं हुई।
बता दें, नर्सिंग कॉलेजों का फर्जीवाड़ा उजागर होने के बार हाई कोर्ट के निर्देशानुसार प्रवेश हो रहे हैं। जिन कॉलेजों को सीबीआई ने अपनी जांच में प्रवेश के उपयुक्त माना है, उनमें बिना निरीक्षण ही प्रवेश होंगे। बाकी कॉलेजों का नवीनीकरण और नए कालेजों को मान्यता निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर दी जानी है।
इंडियन नर्सिंग काउंसिल के निर्देश हैं कि निरीक्षण रिपोर्ट के बाद ही मान्यता जारी की जाए। कलेक्टरों तो तीन-तीन बार निरीक्षण पूरा करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। अभी कई कालेजों की निरीक्षण रिपोर्ट अप्राप्त है। हमने मान्यता जारी करने का जो कैलेंडर बनाया था उसकी अवधि निकल चुकी है।
मनोज सरयाम संचालक, नर्सिंग शिक्षा