
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल निवासी एक कारोबारी महिला ने इंटरनेट मीडिया पर महाराष्ट्र के एक निर्माता की पानीपुरी मशीन का प्रमोशनल वीडियो देखा। इसे पूरी तरह आटोमेटिक मशीन बताया गया, जो एक घंटे में 20 हजार पानीपुरी तैयार कर देगा। यह भी दावा था कि अगर मशीन अपने दावे में विफल रही तो कंपनी अपने खर्चे पर पूरा प्लांट वापस ले लेगी। उसकी रकम भी लौटा देगी। कारोबारी ने बैंक से कर्ज लेकर मशीन लगवाई। लेकिन मशीन दावों के अनुरूप नहीं निकली।
शिकायत पर कंपनी ने कुछ नहीं की। दावा जिला उपभोक्ता आयोग क्रमांक-1 पहुंचा। आयोग के अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल व सदस्य डॉ. प्रतिभा पांडेय की बेंच ने कंपनी को फटकार लगाई और कहा कि पानीपुरी मशीन जीविकोपार्जन के लिए किए गए व्यवसाय के लिए उपभोक्ता ने बैंक से कर्ज लिया था। त्रुटिपूर्ण मशीन के ठीक प्रकार से कार्य न किए जाने के कारण उपभोक्ता के व्यवसाय की क्षति हुई है। साथ ही आयोग ने उपभोक्ताओं को सलाह दी कि सोशल मीडिया सामग्री पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करें, बल्कि खुद पता करें। आयोग ने कंपनी पर सवा नौ लाख रुपये हर्जाना लगाया है।
भोपाल के जाटखेड़ी निवासी श्री जीवाधारा इंटरप्राइजेस कंपनी की व्यवसायी बबीता दीवाकरन ने महाराष्ट्र के पी एंड पी फूड मशीनंस के खिलाफ जनवरी 2025 में याचिका लगाई थी। शिकायत थी कि उन्होंने पानीपुरी की कंपनी स्थापित करने के लिए बैंक से 9.07 लाख रुपये का कर्ज लेकर 11 अप्रैल 2023 को मशीन की बुकिंग की। दावा किया गया था कि इसमें एक ऑटोमैटिक बैच फ्रायर मशीन रहेगी, जो एक घंटे में 20 हजार पूरियां तलेगा।
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साथ ही आटा गूंथने की मशीन, शीटर मशीन और पानीपुरी कटिंग मशीन भी होगी, जिससे सबकुछ जल्द हो जाएगा। मशीन पर एक वर्ष की गारंटी भी थी। कंपनी के सभी दावे फेल हो गए। मशीन वांछित मात्रा में पानीपुरी नहीं बना पाई। एक सप्ताह के भीतर ही शीटर मशीन जल गई। उसकी मोटर कंपनी ने बदली, लेकिन वह सही नहीं लग पाई।
महिला ने कई बार शिकायत की, लेकिन कंपनी ने कोई ध्यान नहीं दिया। कंपनी का कहना था कि उपभोक्ता ने मशीन का संचालन ठीक से नहीं किया, उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया था। आयोग ने कंपनी के इस तर्क को खारिज कर दिया और हर्जाना लगाया।