
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण, बैकलॉग पदों पर भर्ती और सामाजिक न्याय से जुड़ी मांगों को लेकर एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय से जुड़े कई संगठन एक बार फिर सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। जनजातीय युवा संगठन (जयस) के नेतृत्व में यह आंदोलन 18 जनवरी को राजधानी भोपाल में आयोजित होगा, जिसमें हजारों लोगों के जुटने की संभावना है।
सोमवार को जयस के अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा और अन्य प्रतिनिधियों ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि वर्षों से लंबित बैकलॉग पदों पर भर्ती नहीं होने से बड़ी संख्या में युवाओं का भविष्य अटका हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कई बार आश्वासन दिया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अब तक ठोस रूप में शुरू नहीं की गई है। इसी कारण संगठन अब दबाव बनाने के लिए आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं।
मुजाल्दा ने कहा कि पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी रूप से लागू करना बेहद आवश्यक है, क्योंकि यह नीतिगत अधिकार है और इससे वंचित समुदायों को न्याय मिलता है। उन्होंने दावा किया कि आरक्षण नीति में लगातार अड़चनें पैदा की जा रही हैं, जिससे सरकारी कर्मचारियों में व्यापक असंतोष है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ओबीसी वर्ग के 13 प्रतिशत आरक्षण को होल्ड पर रखने का निर्णय समुदाय के हितों के विपरीत है। संगठनों का कहना है कि सरकार को तत्काल प्रभाव से यह रोक हटानी चाहिए, ताकि ओबीसी वर्ग को उनका पूरा संवैधानिक हक मिल सके।
पत्रकार वार्ता में प्रतिनिधियों ने डॉ. भीमराव आंबेडकर और संविधान पर अनर्गल टिप्पणियां करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की। संगठनों ने कहा कि संविधान और उसके निर्माताओं पर असम्मानजनक टिप्पणी किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि सरकार ने ऐसे मामलों में सख्ती नहीं दिखाई, तो इसका विरोध और तीव्र होगा।
हाल ही में ब्राह्मण बेटियों को लेकर एक कथित विवादित टिप्पणी के कारण IAS अधिकारी संतोष वर्मा चर्चा में आए। इस मामले पर पूछे जाने पर मुजाल्दा ने कहा कि वर्मा के बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है और इसे अनावश्यक रूप से विवाद का रूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि जातिगत तनाव बढ़ाने वाली बयानबाजी किसी के हित में नहीं है, इसलिए तथ्यों को सही रूप में सामने लाना जरूरी है।
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संगठनों ने साफ कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो 18 जनवरी को भोपाल में बड़ा प्रदर्शन होगा। इस प्रदर्शन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से कार्यकर्ता, विद्यार्थी और समुदाय प्रतिनिधि शामिल होंगे। जयस और अन्य संगठनों ने यह भी संकेत दिया कि आंदोलन के बाद मांगों को लेकर चरणबद्ध विरोध भी किया जा सकता है।
सरकार फिलहाल इस मुद्दे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से बच रही है, लेकिन आंदोलन की घोषणा से प्रशासनिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। अब सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि क्या सरकार बैठक बुलाकर समाधान की कोशिश करती है या 18 जनवरी को भोपाल में बड़ा टकराव देखने को मिलेगा।