
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर में डिजिटल अरेस्ट का चौकाने वाला केस सामने आया है। साइबर अपराधियों ने एक वृद्ध से जीवनभर की जमा पूंजी ले ली। सीबीआइ अफसर बनकर सात दिन तक ऑनलाइन पूछताछ की और खातों में जमा रुपये तो लिए ही सोना भी गिरवी रखवा दिया। अपराध शाखा ने केस दर्ज कर लिया है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच चल रही है।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) धोखाधड़ी सांवेर रोड़ (बाणगंगा) निवासी 62 वर्षीय वृद्ध के साथ हुई है। वह निजी संस्थान में डिस्पेच क्लर्क की नौकरी करते है। 20 नवंबर को शाम छह बजे पहली बार कॉल आया था। ठग ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अफसर बताया और कहा आपके मोबाइल ब्लाक करने के आदेश आए है। पूछने पर बताया तुम्हारे नाम से दूसरे सिमकार्ड इश्यू हुए है और उनका दुरुपयोग हो रहा है। इसके संबंध में मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन आकर एफआईआर करवाना पड़ेगी। अगर मुंबई आने में परेशानी हो तो मोबाइल नंबर 8677009544 पर काल कर समस्या का समाधान पूछ लो।
पीड़ित घबरा गए और तत्काल ठग द्वारा दिए मोबाइल नंबर पर कॉल लगाया। उसने बाकायदा वृद्ध का आधार कार्ड के नंबर बताए और कहा कि एक सिमकार्ड आपके नाम से इशू हुई है और उससे बैंक खाता भी खुला है। इस खाते में तस्करी का लाखों रुपये जमा हुआ है और आपको कमिशन भी मिला है। इतना सुनते ही वृद्ध घबरा गए।
दूसरे दिन सुबह पुन: उसी व्यक्ति का काल आया और सीबीआइ अफसर मीटिंग करने के निर्देश दिए। करीब 15 मिनट फर्जी सीबीआई अफसर ने बात करवाई गई। उसने मनी लॉड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी। ठग ने अपना नाम आनंद कुमार बताया था। वृद्ध से परिवार, व्यवसाय, परिचितों, खातों में जमा रुपयों की जानकारी ले ली गई थी। उसने कहा कि तस्करों से गठजोड़ है या नहीं इसकी जांच के लिए चल अचल संपत्ति दूसरे खातों में ट्रांसफर करना होगी।
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इस तरह ठग ने 27 नवंबर तक वृद्ध से 27 लाख 60 हजार रुपये ले लिए। बैंक खातों में जमा रुपये, एफडी, म्यूच्यूअल फंड और गहनों के रुपये भी ले लिए। पीड़ित ने 21 नवंबर को एफडी तुड़वा कर 1 लाख जमा करवा दिए। इसके बाद म्यूच्यूल फंड के 12 लाख 90 हजार और गोल्ड लोन लेकर 12 लाख 60 हजार रुपये दे दिए। ठग ने कुल 27 लाख 60 हजार रुपये ले लिए। एडिशनल डीसीपी के मुताबिक केस दर्ज कर लिया है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है।