Bhopal Crime News: 4 पुलिस कर्मियों के निलंबन के बाद पुलिस विभाग में मायूसी, यह है मामला
कार्रवाई को लेकर इंटरनेट मीडिया पर सेवानिवृत्त पुलिस और वर्तमान पुलिस अधिकारी प्रतिक्रिया देकर विरोध प्रकट कर रहे हैं। बता दें कि निलंबित चारों पुलिसकर्मियों की थाने से रवानगी भी दे दी गई है।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 06:43:57 AM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Apr 2024 08:43:00 AM (IST)
HighLights
- सेवानिवृत्त और वर्तमान पुलिस अधिकारियों ने इंटरनेट मीडिया पर निकाली भड़ास
- राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान पटेल के साथ मारपीट के आरोप में हुआ निलंबन
- निलंबित चारों पुलिसकर्मियों की थाने से रवानगी भी दे दी गई है।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शाहपुरा थाने में स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान पटेल के साथ मारपीट के आरोप में एसआइ समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। आला अधिकारियों की इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में मायूसी छा गई है।
इस कार्रवाई को लेकर इंटरनेट मीडिया पर सेवानिवृत्त पुलिस और वर्तमान पुलिस अधिकारी प्रतिक्रिया देकर विरोध प्रकट कर रहे हैं। बता दें कि निलंबित चारों पुलिसकर्मियों की थाने से रवानगी भी दे दी गई है। हालांकि इन पुलिसकर्मियों को अभी तक निलंबन पत्र नहीं मिला है। उनको किसी अधिकारी ने आदेश भी नहीं दिया है। इन पुलिसकर्मियों ने थाना जाना बंद कर दिया है और अपने घर पर ही है।
यह लिखा जा रहा इंटरनेट मीडिया पर
एक सेवानिवृत डीएसपी ने लिखा कि जैसे संविधान में राष्ट्रपति को कई विशेषाधिकार हैं, उसी प्रकार नेता व उनके स्वजनों को संविधान से छूट दिया जाना चाहिए, ताकि उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई न की जा सके। वह सुचारू रूप से मनमानी कर सकें। यह छूट पूरे कार्यकाल के लिए प्रदान की जानी चाहिए। आखिर पांच साल के लिए जो चुना गया है।
एक नगर निरीक्षक ने लिखा कि मारा किसी ने, पिटा कोई, झगड़ा किसी और से हुआ था, सस्पेंड पुलिसकर्मी। एक वरिष्ठ डीएसपी ने लिखा है कि अघोषित व्यवस्था तो यही है। दैनिक व्यवहार में भी यही देखा जा रहा है। राजनीति का अपराधीकरण हो चुका है। हत्यारा व लुटेरा मुख्तार अंसारी कितनी बार जनप्रतिनिधि विधायक रहा। आगे लिखा कि कंकर मुंजारे के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की हाफ सेंचुरी से अधिक थी, जो अभी लोकसभा के उम्मीदवार हैं। ऐसे अनेक नेता है।
एक एएसआइ तो मौके पर नहीं था
पुलिस सूत्रों का कहना है कि निलंबित एसआइ कन्हैया लाल तो घटनाक्रम के दिन थाने में भी नहीं थे, लेकिन निलंबन में उनका नाम भी जोड़ दिया गया। इसी तरह एसआइ जयकुमार सिंह हंगामा कर रहे लोगों को शांत करा रहे थे। बाकी दोनों आरक्षक के नाम भी भीड़ को बाहर करने के कारण जोड़ा गया है। 00
मप्र मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के बेटे अभिज्ञान द्वारा रेस्टोरेंट संचालक दंपती से मारपीट के मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मारपीट व मंत्री के बंगले से लगे पार्क पर कब्जे के मामले में संज्ञान’ लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र से मारपीट के मामले पर 15 दिन में जवाब देने को कहा गया है। वहीं, कब्जे के मामले पर नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण से भी 15 दिनों में जवाब मांगा गया है।