नईदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल| साइबर अपराध का नया चेहरा बने "डिजिटल अरेस्ट" गिरोह ने भोपाल समेत पूरे प्रदेश की पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए सिरदर्द बढ़ा दिया है। यह गिरोह इतना संगठित और सुरक्षित नेटवर्क बनाकर काम करता है कि इसके मास्टरमाइंड तक पहुंचना पुलिस के लिए लगभग नामुमकिन हो जाता है।
कैसे फंसाते हैं जाल में
गिरोह का पहला चेहरा होता है कालर, जो सरकारी अफसर या जांच एजेंसी का अधिकारी बनकर कॉल करता है। वह पीड़ित को मनी लांड्रिंग या आतंकी साजिश में नाम जुड़ने की धमकी देता है। फिर फर्जी जांच के नाम पर बैंक डिटेल लेकर या रिश्वत की आड़ में लाखों-करोड़ों रुपये ठग लेता है।
लेयर-दर-लेयर ठगने का सिस्टम
पुलिस जांच में सामने आया कि पीड़ित से ठगे गए पैसों का सफर लंबा और जटिल होता है।
पहले बैंक खाते में रकम जाती है, जो फर्जी आईडी पर खुला होता है या बेरोजगार लोग मामूली रकम में बेच देते हैं।
फिर पैसा दूसरे-तीसरे खातों में ट्रांसफर होता है।
कोई चौथा आरोपी उसे कैश में बदलकर हवाला चैनल में डाल देता है।
पांचवां या छठा व्यक्ति इसे क्रिप्टोकरेंसी में बदल देता है।
इस तरह आरोपित खुद को 10 लेयर तक सुरक्षित रखते हैं। हर स्तर पर नया व्यक्ति, नया खाता और नई कहानी जुड़ जाती है। पुलिस जब तक जांच आगे बढ़ाती है, तब तक मास्टरमाइंड विदेश से नए शिकार तलाश लेता है।
कहां-कहां से मिल रही लोकेशन
साइबर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, डिजिटल अरेस्ट के आरोपितों की लोकेशन अब तक हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से मिली है। वहीं, कई मामलों में आरोपितों की लोकेशन कंबोडिया, थाईलैंड, दुबई और बांग्लादेश तक ट्रेस हुई है।
पुलिस की चुनौती
सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि खाते के धारक अक्सर मासूम या मामूली रकम के लालच में फंसे लोग होते हैं, जिन्हें यह तक पता नहीं होता कि उनके खाते का इस्तेमाल करोड़ों की ठगी में हो रहा है। पुलिस के लिए असली साजिशकर्ता और "मनी म्यूल" के बीच फर्क साबित करना कठिन हो जाता है।
पुलिस का वर्जन
शैलेंद्र चौहान, एडिशनल डीसीपी, क्राइम ब्रांच ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट समेत तमाम साइबर अपराधों की जांच में पुलिस पूरी तह तक जाती है। टीम लगातार दूसरे राज्यों में दबिश देकर आरोपितों को पकड़ रही है। हालांकि, अलग-अलग लेयर में छुपे होने से पूरी गैंग तक पहुंचने में समय लगता है। हाल ही में डिजिटल अरेस्ट का मास्टरमाइंड कानपुर से गिरफ्तार किया गया है।
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