
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। फर्जी कर्मचारियों के जरिए नगर निगम में जो अधिकारी ऊपरी कमाई किया करते थे उन पर अटेंडेंस पोर्टल की वजह से काफी हद तक नकेल सक गई है। जी हां यह सच है पूर्व में इस तरह के कई मामले भी सामने आए हैं, जहां अधिकारियों ने लोगों से सांठगांठ करके फर्जी कर्मचारियों को रखा और वेतन पूरा डकार लिया। इस तरह के फर्जी कर्मचारी के नाम खासतौर पर स्वास्थ्य, अतिक्रमण, राजस्व और उद्यान समेत अन्य कई विभागों के रजिस्टर चढ़े हुए हैं।
कागजों में इन विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की अच्छी खासी फौज है, लेकिन यह फील्ड पर यह नजर नहीं आते । आधार एप के जरिए अटेंडेंस पोर्टल पर एनरोलमेंट के पहले चरण की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हुई। इस प्रक्रिया में निगम प्रशासन ने यह जाना कि कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं।
निगमायुक्त संस्कृति जैन ने एनरोलमेंट करवाने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय कर्मचारियों को दिया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 12 हजार कर्मचारियों का एनरोलमेंट हुआ है। जबकि निगम में सबको मिलाकर करीब 15-16 हजार कर्मचारी कागजों में हैं। ज्ञात हो कि कांग्रेस नेता ने हाल ही में निगमायुक्त को ऐसे फर्जी कर्मचारियों की सूची सौंपी हैं। जो निगम में पदस्थ हैं, लेकिन काम कुछ और करते हैं। कांग्रेस नेता का आरोप था कि ऐसे करीब एक हजार से अधिक कर्मचारी हैं।
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नगर निगम में आज से दूसरे चरण की प्रोसेस शुरू होगी। अटेंडेंस पोर्टल पर हुए एनरोलमेंट के सही आंकड़ा आने के बाद कर्मचारियों की इधर से उधर पोस्टिंग हो सकती है। जिस विभाग में अधिक कर्मचारी हैं, उधर से उस विभाग में कर्मचारियों को शिफ्ट किया जा सकता है, जहां कर्मचारियों की कमी है। इसके अलावा आर्थिक हालत को ठीक करने के लिए कई कर्मचारियों को निगम से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। इसके चलते कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है।