
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। स्पा सेंटरों की आड़ में फल-फूल रहे देह व्यापार के विरुद्ध छह साल बाद हुई कार्रवाई ने पुलिस विभाग की कलई खोलकर रख दी है। पिछले सप्ताह स्पा सेंटरों पर पुलिस का चाबुक क्या चला, गंदे धंधे में लिप्त तीन पुलिसकर्मियों की सच्चाई उजागर हो गई।
अनैतिक गतिविधियों के संचालन पर लगाम लगाने का जिम्मा जिन पुलिसकर्मियों का होता है, वे ही पुलिसकर्मी रिश्वत से अपनी मुट्ठी गर्म कर लेते हैं और फिर पूरा महकमा आंखें मूंद लेता है।
स्पा सेंटरों को पुलिस से मिलने वाले संरक्षण का ये तो महज एक नमूना है, क्योंकि पुलिस ने अब तक सिर्फ चार स्पा सेंटरों पर ही कार्रवाई की है, जबकि शहर में 200 से अधिक स्पा सेंटर संचालित हैं, जिनमें अधिकतर देह व्यापार से जुड़े हैं।

देह व्यापार के इन गंभीर मामलों में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता दर्शाती है कि कानून का उल्लंघन करने वाले लोग न केवल अपराधियों को सहारा दे रहे हैं, बल्कि वे समाज के सुरक्षा तंत्र पर भी विश्वास को कमजोर कर रहे हैं।
शनिवार को क्राइम ब्रांच ने शहर के 15 स्पा सेंटरों पर छापेमारी की योजना बनाई थी। तीन थाना पुलिसों के साथ चार सेंटरों पर दबिश दी गई थी, जिसमें 68 युवक युवती अनैतिक कार्य करते हुए पकड़े गए थे।
पुलिस की छापेमारी की बात दूसरे स्पा संचालकों तक पहुंची तो वे तत्काल अपने-अपने सेंटर बंद कर भाग गए। पकड़े गए आरोपितों को जब पुलिस थाने ले जाया गया तो महिला थाने में पदस्थ आरक्षक खुश्बू चंदेल और क्राइम ब्रांच के आरक्षक सुनील चंदेल ने उन्हें जेल जाने का डर दिखाकर एक लाख की वसूली कर ली थी।
वहीं बागसेवनिया थाने में पदस्थ आरक्षक नरेंद्र गुर्जर भी अपने संरक्षण में एक स्पा सेंटर में अवैध गतिविधियों का संचालन करवा रहे थे। जांच के बाद उच्च अधिकारियों ने तीनों पुलिसकर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की है।
स्पा सेंटरों के संचालन में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता पर उच्च स्तरीय जांच जारी है। इसके साथ ही अधिकारी थाने में पदस्थ पुलिसकर्मियों के काल डिटेल के आधार पर जांच कर रहे हैं।
खानापूर्ति के लिए कार्रवाई शुरू, लेकिन अनैतिक गतिविधियों पर कैसे लगेगी लगाम
स्पा सेंटरों पर हुई पुलिस की किरकिर के बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर अब कुछ थाना पुलिसों ने खानापूर्ति शुरू की है। उन्होंने थाना क्षेत्रों में संचालित स्पा सेंटरों में कार्यरत लोगों की जानकारी नहीं देने पर संचालकों पर कार्रवाई की है।
गोविंदपुरा और एमपीनगर थाना पुलिस ने बीते तीन दिनों में ऐसे करीब 20 संचालकों पर प्रकरण दर्ज किया है। परंतु बड़ा सवाल यह है कि कर्मचारियों के सत्यापन मात्र से स्पा सेंटरों में संचालित अनैतिक गतिविधियों पर लगाम कैसे लगाया जाएगा? शहर में हो रहे इस धंधे पर लगाम लगना जरूरी है।
स्पा सेंटरों में अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की कार्रवाई की गई थी। इसमें जो पुलिसकर्मी संलिप्त पाए गए हैं, उनपर कार्रवाई हुई है, जांच अभी भी जारी है। - हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस आयुक्त