
Bhopal News :संत हिरदाराम नगर, नवदुनिया प्रतिनिधि। सिंधी समाज की महिलाओं ने अपनी धार्मिक पर्व परंपरा के अनुसार पति की दीर्घायु के लिए तीजड़ी पर्व मनाया। अविवाहित युवतियों ने अच्छा वर मिलने की कामना के साथ निर्जला उपवास रखा।
सिंध से चली आ रही परंपरा के अनुसार महिलाओं ने हाथों में मेहंदी लगवाई। तड़के चार बजे महिलाओं ने स्वल्पाहार किया। इसके बाद निर्जला उपवास शुरू हो गया। यह पर्व करवा चौथ की तरह मनाया जाता है। कुल ब्राह्मण के यहां झूले में झूलने की रस्म अदा की गई। प्रमुख ज्योर्तिविद् पं. जय कुमार शर्मा के सान्निध्य में तीजड़ी व्रत कथा का आयोजन किया गया। पंडित जय शर्मा एवं पंडित यश शर्मा ने कथा का वाचन किया।देर रात को चंद्रमा को अर्ध्य देने पति के दर्शन करने के बाद उपवास छोड़ा गया। इस बार वर्षा का मौसम होने के कारण अनेक इलाकों में चांद नहीं नजर आया इस कारण महिलाओं ने देर रात को विशेष पूजा अर्चना के बाद उपवास छोड़ा और सभी के सुख समृद्धि की कामना की।
सुखसागर दरबार में हुआ विशेष आयोजन
सुख सागर उदासीन आश्रम, बैरागढ़ में यह त्योहार मनाया गया। जिसमे माताओं बहनों ने दरबार में झूला झूल कर, कथा सुनकर अपने सुखी जीवन की अरदास की। महंत स्वामी बाबा रामदास जी ने संगत को तीजड़ी पर्व का महत्व बताया। साथ ही इस दिन सतगुरु स्वामी बाबा गोबिंददास साहब जी का वार्षिक उत्सव भी प्रारंभ हुआ जिसका भोग साहब दिनांक 20 अगस्त नवमी को होगा। दरबार में स्वतंत्रता दिवस एवं आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष में पूरे आश्रम को तिरंगों से सजाया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय ग्रहस्थ साधु समाज के अध्यक्ष बाबा राम दास उदासीन ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का अमृत महोत्सव हम सबके लिए गर्व का दिन है आजादी के बाद 75 साल में भारत देश ने बहुत प्रगति की है हम सब को यह कामना करनी है कि भारत विश्व शक्ति बनने और भारत का तिरंगा पूरे गौरव के साथ पूरे विश्व में शान के साथ लहराता रहे।