
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। डिजिटल दौर में जितनी तेजी से तकनीक आम लोगों की जिंदगी आसान बना रही है, उतनी ही तेजी से साइबर ठग भी उसी तकनीक का दुरुपयोग कर लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका डाल रहे हैं। अब इन ठगों ने ठगी का नया हथियार खोज लिया है, सरकारी योजनाओं के नाम पर भेजी जाने वाली एपीके फाइलें।
साइबर ठग लोगों के वॉट्सएप पर इन फाइलों को भेजते हैं। पीएम आवास योजना या फिर फसल बीमा योजना के नाम पर आई फाइलों को देखकर लोगों को पहले तो लगता है कि ये किसी लाभदायक योजना से जुड़ी जानकारी है, लेकिन जैसे ही वे फाइल डाउनलोड करते हैं, मोबाइल फोन हैक हो जाता है, डेटा चोरी हो जाता है और बैंक खातों से रकम उड़ जाती है।
भोपाल में बीते कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें सरकारी योजनाओं की आड़ में आम नागरिकों को जाल में फंसाने का प्रयास किया गया। पहला मामला शाहपुरा निवासी 46 वर्षीय सुनील कुमार शर्मा का है, जो पीडब्ल्यूडी विभाग में सब इंजीनियर हैं। 15 अक्टूबर को उनके मोबाइल पर एक फाइल आई, जो जिस पर पीएम आवास योजना के बारे में जानकारी दिख रही थी। उन्हें लगा कि यह योजना की जानकारी है।
उन्होंने फाइल खोली तो मोबाइल हैंग हो गया और कुछ देर बाद उनके खाते से 80 हजार रुपये निकालने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं, वह फाइल अपने आप उनके अन्य वॉट्सएप ग्रुप्स में भी भेजी जाने लगी। हालांकि उन्होंने बाद में अपने परिचितों को फोन कर जानकारी दी। साथ ही क्राइम ब्रांच की साइबर सेल में इसकी शिकायत की।
दूसरा मामला बैरसिया निवासी किसान जयराम सिंह का है। उन्हें फसल बीमा योजना के नाम से एपीके फाइल भेजी गई थी। फाइल ओपन करते ही मोबाइल से कई अनजान नंबरों पर मैसेज चले गए और उनके परिवार के वॉट्सएप ग्रुप में अश्लील संदेश पहुंच गए। जयराम ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
किसी भी सरकारी योजना या आफर से जुड़ी एपीके फाइल या अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अगर ऐसी कोई फाइल प्राप्त हो, तो उसे तुरंत डिलीट करें और शिकायत करें। शैलेंद्र सिंह चौहान, एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच।