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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। गोविंदपुरा थाना क्षेत्र में नौ दिन पहले हुए एटीएम लूट के प्रयास के मामले में पुलिस ने एक निजी यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र समेत दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस साजिश में इंजीनियरिंग का ही एक अन्य छात्र भी शामिल था, जो फिलहाल फरार है। आरोपितों ने नशे की लत और कर्ज चुकाने के लिए एटीएम लूटने का प्रयास किया था। वारदात के लिए उन्होंने अपने जूनियर छात्र की कार मांगी थी। एटीएम को निशाना बनाने से पहले उन्होंने एक निजी कंपनी के मैनेजर और एक ज्वेलर्स को भी लूटने की योजना बनाई थी, लेकिन भीड़ और अन्य कारणों से वे सफल नहीं हो सके।
आरोपितों ने देर रात गोविंदपुरा के बरखेड़ा पठानी स्थित एसबीआई (SBI) के एटीएम में घुसकर उसे लोहे की रॉड और अन्य औजारों से तोड़ने व उखाड़ने की कोशिश की थी। उनकी योजना एटीएम को उखाड़कर लोडिंग ऑटो में ले जाने की थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद, एटीएम मॉनिटरिंग कंपनी के एचआर किशोरी सिंह ने 13 दिसंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने चार टीमें गठित कर आरोपितों की तलाश शुरू की।
एसीपी गोविंदपुरा, अदिति भावसार ने बताया कि पुलिस टीम ने करीब 650 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। इस दौरान एक सफेद रंग की संदिग्ध कार की पहचान हुई। कार के नंबर के आधार पर पुलिस एक छात्र तक पहुंची, जिसने बताया कि उसके सीनियर अभिषेक त्रिपाठी (23 वर्ष) पार्टी में जाने के नाम पर उसकी कार मांगकर ले गए थे। पुलिस ने जब सतना निवासी अभिषेक को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।
पूछताछ में पता चला कि अभिषेक त्रिपाठी और उसका सहपाठी आदर्श पटेल (छिंदवाड़ा निवासी) निजी विश्वविद्यालय में बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र हैं। अभिषेक कंप्यूटर साइंस और आदर्श साइबर सिक्योरिटी का छात्र है। उन्होंने कटारा हिल्स निवासी मनीष कुशवाहा (19 वर्ष) के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी। पुलिस ने अभिषेक और मनीष को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि आदर्श फरार है। तकनीकी रूप से जानकार होने के कारण आदर्श ने पुलिस को गुमराह करने के लिए भागने के दौरान सीसीटीवी से बचने वाले रास्तों का चुनाव किया था, लेकिन पुलिस की बारीकी से वह बच नहीं सका।
थाना प्रभारी अवधेश सिंह भदौरिया के अनुसार, आरोपित नशे के आदी हैं और नाइट्रावेट व अन्य ड्रग्स का सेवन करते हैं। उन्हें ब्रांडेड मोबाइल और महंगे कपड़े पहनने का शौक है, जिसके कारण उन पर काफी कर्ज हो गया था। इसी कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने लूट की योजना बनाई थी। फरार आरोपित आदर्श पटेल पहले भी साइबर धोखाधड़ी के एक मामले में शामिल रहा है, वहीं अभिषेक ने साइबर जालसाजी की रकम के लिए अपना बैंक खाता किराए पर दे रखा था।
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