नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पेट्रोल-डीजल में मिलावट की शिकायतों के बीच राजधानी में पहली बार ऐसा मामला जिला उपभोक्ता आयोग तक पहुंचा। उपभोक्ता ने कार में डीजल डलवाया, जिसके बाद कार बंद हो गई। जांच में पाया गया कि डीजल में पानी और मिट्टी मिली हुई थी।
आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज और प्रीति मुद्गल की बेंच ने पेट्रोल पंप संचालक को दोषी मानते हुए 65 हजार रुपये का हर्जाना लगाया। साथ ही इंडियन आयल को निर्देश दिए गए कि वह अपने सभी पेट्रोल पंपों की समय-समय पर जांच और ऑडिट एनालिसिस कराए, ताकि उपभोक्ताओं को भविष्य में परेशानी न हो।
यह था मामला
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने 16 जुलाई 2022 को नई ऑडी कार खरीदी थी। भोपाल आते समय होशंगाबाद रोड स्थित इंडियन आयल पेट्रोल पंप से 5 हजार रुपये का डीजल भरवाया। कुछ देर बाद कार बंद हो गई। प्रयासों के बावजूद कार चालू नहीं हुई। अगले दिन कंपनी का इंजीनियर आया और जांच में पता चला कि डीजल में पानी और मिट्टी मिली हुई थी। कार की मरम्मत पर करीब 50 हजार रुपये का खर्च आया।
पेट्रोल पंप का पक्ष खारिज
पेट्रोल पंप संचालक का तर्क था कि उपभोक्ता ने सेकंड हैंड कार खरीदी थी और उनके पंप से डीजल नहीं भरवाया गया। लेकिन ऑडी कंपनी की जांच रिपोर्ट में मिलावटी डीजल की पुष्टि हुई। आयोग ने पंप संचालक के तर्क को खारिज कर दिया और उसे दोषी ठहराया।
उपभोक्ता मामले की अधिवक्ता संभावना राजपूत ने कहा कि "मिलावटी पेट्रोल या डीजल का यह पहला मामला था। इसमें हर्जाना के साथ-साथ कंपनी को भी निर्देश दिए गए हैं कि पेट्रोल पंपों की जांच कराएं, ताकि मिलावट के कारण आम जनता को परेशानी न हो।"
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