नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। एम्स भोपाल के डेंटल विभाग ने एक दुर्लभ और जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 24 वर्षीय युवती के निचले जबड़े में ट्यूमर था, जिसके कारण पूरा जबड़ा और 13 दांत निकालने पड़े। बाद में डॉक्टरों ने पैर की हड्डी (इल्याक क्रेस्ट) से नया जबड़ा बनाया और उस पर डेंटल इम्प्लांट्स के जरिए 13 दांत लगाए। यह सेंट्रल इंडिया का पहला मामला है।
डॉ. अंशुल राय ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से डेंटल इम्प्लांट और सर्जरी कर रहे हैं, लेकिन 12 सेंटीमीटर का नया जबड़ा बनाकर उस पर 13 दांत लगाना इस क्षेत्र में पहली बार हुआ है। इस केस को इंटरनेशनल इम्प्लांट्स जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है।
जबरदस्त चुनौती बना ट्यूमर
लंबे समय से युवती को मुंह में सूजन और पस बनने की समस्या थी। जांच में पता चला कि यह बिनाइन ओडोन्टोजेनिक ट्यूमर है, जो लगभग 12 सेंटीमीटर तक फैल चुका था। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टरों को पूरा निचला जबड़ा और उसके साथ 13 दांत निकालने पड़े।
पैर की हड्डी से नया जबड़ा
जबड़ा और दांत निकलने के बाद युवती को बोलने और खाना खाने में कठिनाई होने लगी। चेहरा भी दब गया था, जिससे वह अवसाद में चली गई। परिवार को उसकी शादी की चिंता भी सताने लगी। ऐसे में डॉक्टरों ने पैर की हड्डी से नया जबड़ा बनाया और नौ डेंटल इम्प्लांट्स लगाए।
छह महीने बाद लौटी मुस्कान
करीब छह महीने तक पैर की हड्डी और नए जबड़े को जुड़ने का समय दिया गया। इसके बाद तीसरे चरण में नए जबड़े पर डेंटल इम्प्लांट्स के जरिए 13 दांत लगाए गए। अब युवती पहले की तरह खाना खा पा रही है, उसका चेहरा सामान्य दिखने लगा है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। परिजनों के मुताबिक, एक साल से डिप्रेशन में रह रही बेटी अब फिर से खुश रहने लगी है।
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