
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दीवाली में कार्बाइड पटाखों का शौक कई युवाओं के लिए खतरा बन गया है। एम्स भोपाल में अब तक 13 मरीजों को भर्ती किया गया है जिनकी आंखें पटाखे फटने से झुलस गईं। इनमें से आठ मरीजों की स्थिति गंभीर है और उनकी आंखों की झिल्लियां (एम्नियोटिक मेम्ब्रेन) बदली जा रही हैं। यह सभी मरीज 12 से 22 वर्ष की आयु के हैं। जबकि गांधी मेडिकल कालेज में भी दो युवाओं की आंखों में एम्नियोटिक झिल्ली प्रत्यारोपण और सेलेक्टिव लिम्बल स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (स्लेट) किया गया।
जीएमसी में दो युवक भर्ती जीएमसी में बुधवार को भोपाल के दो युवाओं की ऑपरेशन किया गया। इनमें 13 वर्षीय आरिश और 26 वर्षीय प्रशांत शामिल हैं। दोनों की आंखें कार्बाइड पटाखे के फटने से गंभीर रूप से झुलस गई थीं। यह सर्जरी डॉ. कविता कुमार, डॉ. सूरज कुबरे और डॉ. आदित्य दुबे की टीम ने की। डॉक्टरों ने आधुनिक तकनीक की मदद से सफल सर्जरी कर उनकी आंखों की रोशनी बचाने की कोशिश की है।
13 साल के आरिश के पिता ने बताया कि दीपावली की शाम मोहल्ले में बच्चे कार्बाइड पटाखे जला रहे थे। आरिश भी पास ही खड़ा था। अचानक एक पटाखा तेज धमाके के साथ फटकर उसके चेहरे पर आ गिरा। आंखों में तेज जलन और दर्द हुआ, वह रोने लगा। परिजन तुरंत उसे एम्स भोपाल ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों आंखों की झिल्ली झुलस गई है और तुरंत सर्जरी की जरूरत है।
26 साल के प्रशांत की बहन ने बताया कि वह घर के बाहर बच्चों के साथ पटाखे जला रहा था। तभी एक कार्बाइड पटाखा उल्टा फट गया और उसकी चिंगारी सीधे आंखों में चली गई। कुछ ही पलों में आंखों से खून और पानी आने लगा। घबराकर परिवार ने उसे तुरंत हमीदिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी आंखों की झिल्ली बुरी तरह जल गई है और ट्रांसप्लांट की जरूरत है।
एम्स भोपाल की नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि एम्स भोपाल में 13 मामले आए हैं। इसमें से आठ मरीजों का एम्नियोटिक झिल्ली प्रत्यारोपण किया जा रहा है, जिससे आंख की क्षतिग्रस्त सतह को ठीक किया जा सके। अभी तक आठ मरीजों की सर्जरी हो चुकी है और बाकी का इलाज जारी है। समय पर इलाज से कई मामलों में रोशनी बचाई जा सकती है।
डॉ. भावना ने बताया कि कार्बाइड पटाखों में अत्यधिक रासायनिक तत्व होते हैं जो आंखों की सतह को जला देते हैं। ऐसे में तुरंत पानी से आंख धोनी चाहिए और एक आंख बंद करके यह जांचें कि रोशनी दिखाई दे रही है या नहीं। अगर जलन, दर्द या धुंधलापन महसूस हो तो देर न करें और तुरंत नजदीकी नेत्र अस्पताल जाएं। पटाखे फोड़ते समय सावधानी बरतें, कार्बाइड जैसे रासायनिक पटाखों से बचें और आंखों पर सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें।