
नवदुनिया प्रतिनिधि, संत हिरदाराम नगर। इस बार पटाखों के विकल्प के रूप में बाजार में आई कार्बाइड पाइप गन बेहद घातक साबित हुई है। कई लोग इससे घायल हुए हैं। सबसे अधिक क्षति आंखों को हुई है। सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय में दूसरे दिन भी कई मरीज इलाज कराने पहुंचे। दीपावली पर भोपाल के अलावा आसपास के जिलों से भी गन पीड़ित मरीज इलाज के लिए आए थे। बुधवार को भी कई मरीज पहुंचे। गन चलाने से झुलसे सीहोर निवासी मानव सिसौदिया ने नवदुनिया को बताया कि गन इतनी खतरनाक है कि बिना चलाए ही उसमें से गैस निकल रही थी।
मानव के अनुसार मैं खाली गन देख रहा था उसी समय गैस निकली और सीधा आंखों में चली गई। मानव की अस्पताल में सर्जरी की गई है। उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। लाइटर से निकली चिंगारी, पुतली डेमेज चौपड़ा कला निवासी आनंद अहिरवार के अनुसार कार्बाइड गन में बारूद भरा था, इसके नीचे लाइटर लगा होता है। लाइटर अपने आप चल गया और मेरी आंखों में गैस घुस गई। आनंद की पुतली डैमेज हुई है। अन्य मरीजों ने भी कार्बाइड पाइप गन को खतरनाक बताया। सेवा सदन के प्रबंधक कुशल धर्मानी के अनुसार तीन दिन में 50 से अधिक मरीज गन से निक गैस से घायल हुए हैं। इनमें से पांच की स्थिति नाजुक बनी हुई है। अस्पताल में पीड़ित मरीजों के बेहतर इलाज के प्रयास किए जा रह हैं।
इस बीच पुलिस प्रशासन ने गन से लोगों के घायल होने के मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने बुधवार को अनेक स्थानों पर जांच की। पटाखा बाजार में पुलिस पहुंची लेकिन यहां गन विक्रेता नहीं मिला। पटाखा व्यापारियों के अनुसार दीपावली के दौरान संभवत: कुछ लोग ठेले पर गन बेचने आए थे।
पटाखे हमेशा सावधानी से जलाएं पटाखे जलाते समय हमेशा सावधानी रखनी चाहिए। कोई भी देसी गन या आतिशबाजी का उपयोग नहीं करना चाहिए। हमने पहले भी सावधानी रखने की अपील की थी। आतिशबाजी से जिनकी आंखों को नुकसान हुआ है उनका पूरी गंभीरता से इलाज किया जा रहा है। - डा. प्रेरणा उपाध्याय, मेडीकल डायरेक्टर सेवा सदन।
बैरागढ़ में किसी भी पटाखा व्यापारी ने देसी कार्बाइड गन नहीं बेची है। सेवा सदन में भर्ती मरीज बाहर के हैं। हमने कई जगह जांच पड़ताल की है। मरीजों से भी बात की। यदि गन बेचने के संबंध में जानकारी मिलेगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। - अशोक गौतम, थाना प्रभारी बैरागढ़ थाना फोटो- सेवा सदन में भर्ती सीहोर निवासी मानव सिसौदिया ने गन के बारे में जानकारी दी। - डा प्रेरणा उपाध्याय - अशोक गौतम।