Bhopal News: रवींद्र भवन के सभागार में शहर के नाट्य कलाकारों ने पेश किया 'दीपदान'
कोरोना काल में पहली बार बड़ी संख्या में लोग रवींद्र भवन के सभागार में वीर गाथा पर आधारित नाटक देखने पहुंचे।
By Ravindra Soni
Edited By: Ravindra Soni
Publish Date: Sun, 17 Jan 2021 03:04:42 PM (IST)
Updated Date: Sun, 17 Jan 2021 03:04:42 PM (IST)

भोपाल (नवदुनिया रिपोर्टर)। गमक श्रृंखला की सप्ताहांत प्रस्तुतियों के अंतर्गत रवींद्र भवन में शनिवार शाम को नाटक का मंचन हुआ। कोरोना संक्रमण के बाद पहली बार बड़ी संख्या में लोग वीर गाथा पर आधारित नाटक देखने सभागार पहुंचे। नीति श्रीवास्तव के निर्देशन में डॉ. रामकुमार वर्मा की लिखित कहानी 'दीपदान" की नाट्य प्रस्तुति क्रिएटिव आर्ट एंड कल्चर सोसायटी, भोपाल के कलाकारों ने दी।
कहानी राजपूत रियासत पर बादशाह बहादुरशाह के आक्रमण और राजमाता के जौहर पर केंद्रित है। सन 1535 में गुजरात के बादशाह बहादुरशाह ने चित्तौड़ पर विशाल सेना और तोपों के साथ आक्रमण किया। समस्त राजपूत सरदार चित्तौड़ की रक्षा के लिए इकट्ठा हो गए। राजमाता कर्मवती ने स्थिति को देखते हुए जौहर का निर्णय लिया और राजपूत वीरों ने साका का। जौहर के पूर्व राजमाता कर्मवती ने महाराणा के उत्तराधिकारी कुंवर उदय को अपनी दासी पन्ना को सौंपते हुए उसकी रक्षा का वचन लिया और 13 हजार हजार स्त्रियों के साथ खुद को अग्नि के हवाले कर दिया। राजपूतों ने भी केसरिया वस्त्र धारण किए और किले का द्वार खोल कर शत्रु पर टूट पड़े। पन्ना धाय ने अपने पुत्र का बलिदान देकर कुंवर की रक्षा की और अपने वचन का पालन किया।
नीति श्रीवास्तव विगत 32 साल से रंगकर्म से जुड़ी हैं। उनके प्रथम गुरु उनके पिता हैं। बाद में उन्होंने बंसी कौल और आलोक चटर्जी से कला की बारीकियों को सीखा। सुश्री श्रीवास्तव कई नाटकों में अभिनय के साथ अनेक नाटकों का निर्देशन भी कर चुकी हैं।
मंच पर कलाकार- महुआ चटर्जी, हिमांक तिवारी, हर्षित तिवारी, अनंदिता तिवारी, पूजा यादव, अखिलेश जैन, संजय श्रीवास्तव और वाणी श्रीवास्तव ने अभिनय किया।