
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश में साल 2017 से 259 कृषि उपज मंडियों और वर्ष 2018 से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के चुनाव नहीं हुए हैं। इन समितियों से लाखों किसान जुड़े हैं। सरकार अब सहकारी और कृषि उपज मंडियों के चुनाव कराने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्वयं अधिकारियों को संकेत दिए हैं कि आने वाले समय में सहकारी समिति, कृषि उपज मंडी और निकायों के चुनाव होंगे। परिसीमन और नए सिरे से आरक्षण भी होगा। सभी इसकी तैयारी में जुट जाएं।
प्रदेश में कई काम हुए हैं अतः सकारात्मक माहौल बनाएं। भले ही सहकारी समितियों और कृषि उपज समितियों के चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो,ते लेकिन इसमें राजनीतिक दलों की पूरी भूमिका होती है। वे अपने समर्थकों की जीत सुनिश्चित करने के लिए कई समीकरण बनाते हैं। दरअसल, इन समितियों का आधार बड़ा है और विधानसभा व लोकसभा चुनाव में इस नेटवर्क का माहौल बनाने में बड़ी भूमिका होती है। चूंकि, लंबे समय से चुनाव नहीं हुए हैं इसलिए कार्यकर्ता भी हतोत्साहित हैं।
इसे देखते हुए सरकार नए साल में एक-एक करके लंबित सभी चुनाव कराएगी। इससे एक तो भाजपा के प्रति माहौल पता लगा जाएगा, वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ता भी व्यस्त हो जाएंगे। उधर, वर्ष 2027 में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने इनके परिसीमन के लिए सरकार को परिसीमन आयोग के गठन का प्रस्ताव दिया है, जिसमें परिसीमन और आरक्षण का पूरा काम विभागों से लेकर आयोग को सौंप दिया जाएगा।
यद्यपि, इसके लिए सरकार को नगरीय निकाय और पंचायत राज अधिनियम में संशोधन करना होगा। वहीं, जनगणना के बाद विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन भी होना है। इसमें कुछ सीटें समाप्त हो जाएंगी तो कुछ नई बनेंगी। आरक्षण व्यवस्था में भी परिवर्तन होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इनके लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।