राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। प्रदेश के 13 जिलों में अतिवर्षा, बाढ़ और फिर पीला मोजेक वायरस से सोयाबीन फसल को क्षति हुई। कई स्थानों पर फसल को काटना पड़ा तो कुछ स्थानों पर खेत में कुछ बचा ही नहीं। इसे देखते हुए सरकार ने कलेक्टरों से सर्वे कराया और शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 13 जिलों के प्रभावित 8,84,772 किसानों के खातों में सिंगल क्लिक से 653.34 करोड़ की राहत राशि अंतरित की।
इसमें वे किसान भी शामिल हैं, जिनकी सोयाबीन की फसल पीला मोजेक वायरस और कीट व्याधि से प्रभावित हुई थी। ऐसे 4.94 लाख किसानों को 322 करोड़ रुपये सहायता दी गई। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित 3.90 लाख किसानों के खातों में 371 करोड़ की राहत राशि अंतरित की गई।
किसानों के चेहरों की मुस्कान ही हमारी असली दीपावली
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान बाढ़ हो, आपदा हो, ओलावृष्टि हो या कीट प्रकोप हो, हर विपदा से लड़ते और जूझते हैं। किसान पर कोई भी विपदा या आपदा आए, सरकार संकट की हर घड़ी में साथी बनकर उनके साथ खड़ी है। आप अकेले नहीं हैं, पूरा परिवार बनकर हम आपके साथ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के चेहरों पर मुस्कान ही हमारी असली दीपावली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार सरकार ने सोयाबीन में पीले मोजेक रोग से फसल प्रभावित किसानों को राहत राशि दी जा रही है। चार हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से छह लाख 69 हजार धान उत्पादक किसानों के खाते में 337 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों को 229 करोड़ की दी जा चुकी सहायता
वर्ष 2025-26 में सरकार अब तक विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को 229 करोड़ 45 लाख रुपये की सहायता राशि दे चुकी है। छह सितंबर को ही फसल क्षति के लिए 11 जिलों के 17 हजार से अधिक किसानों को 20 करोड़ से अधिक की राशि दी गई थी।
15 दिन में मिलेगी भावांतर की राशि
मुख्यमंत्री ने किसानों से वर्चुअली संवाद भी किया। उन्होंने बताया कि सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है। सोयाबीन मंडी में बेचें, यदि समर्थन मूल्य से कम पर फसल बिकती है, तो बेची गई फसल की कीमत और समर्थन मूल्य के अंतर की राशि यानी भावांतर अगले 15 दिनों में सीधे किसानों के बैंक खाते में भेज दिया जाएगा। उन्होंने संभावना जताई कि वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए किसानों को इस साल सोयाबीन का अधिक भाव मिलेगा।