नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हारने के पीछे मतदाता सूची में गड़बड़ियों को एक बड़ा कारण मानते हुए कांग्रेस ने अब राज्य भर में मतदाता सूची का गहन परीक्षण (audit) कराने की तैयारी कर ली है।
पार्टी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रकोष्ठ (Voter List Revision Cell) का गठन कर ललित सेन को इसका प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है। उनका दायित्व होगा कि सभी 230 विधानसभा सीटों पर नियुक्त होने वाले प्रभारियों के साथ मिलकर हर बूथ की मतदाता सूची की बारीकी से जांच करें।
प्रदेश कांग्रेस का विशेष ध्यान ऐसी विधानसभा सीटों पर है जहां पार्टी या तो लगातार हार रही है या बेहद कम अंतर से पराजित हुई। उदाहरण के तौर पर धार जिले की धरमपुरी सीट पर पार्टी महज 356 वोटों से हारी। वहीं कुछ सीटों पर 50 हजार से अधिक का मतांतर रहा। अब पार्टी इन सीटों पर मतदाता सूची का विश्लेषण और शुद्धीकरण कराना चाहती है।
पार्टी द्वारा तय दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर बूथ पर निम्नलिखित बिंदुओं की जांच होगी-
प्रदेश प्रभारी ललित सेन के साथ चार सह प्रभारी नियुक्त किए गए हैं-
इनका कार्य विधानसभा प्रभारियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें सूची की विसंगतियों को पहचानने में मार्गदर्शन देना होगा।
हर जिले में एक कांग्रेस पदाधिकारी को चुनाव आयोग से जुड़ी कार्यवाहियों की निगरानी के लिए नियुक्त किया जाएगा। पार्टी का लक्ष्य है कि 15 अगस्त तक सभी 230 सीटों पर प्रभारी तैनात कर दिए जाएं।
प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री संजय कामले ने बताया कि अक्टूबर 2025 तक पहले चरण का पुनरीक्षण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जनवरी 2026 में चुनाव आयोग द्वारा होने वाले सूची पुनरीक्षण में कांग्रेस अपने बूथ लेवल एजेंट्स को शामिल करेगी। साथ ही पार्टी ने हर तीन महीने में मतदाता सूची का सत्यापन करने की योजना भी तैयार की है।