
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अपराधों पर नकेल कसने के नाम पर इंदौर-भोपाल में लागू की गई पुलिस कमिश्नरी का कानून व्यवस्था पर कोई सकारात्मक असर नजर नहीं आ रहा। सरकार भले ही दावा करे कि पुलिस कमिश्नरी लागू करने के बाद अपराध नियंत्रित हुए हैं, लेकिन वास्तविकता इसके उलट है।
पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद दोनों शहरों में अपराध का ग्राफ नीचे आने के बजाय ऊपर चढ़ा है। यह बात मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा राजपुर से कांग्रेस विधायक बाला बच्चन को दिए लिखित उत्तर में सामने आई है।
इंदौर में अपराध की स्थिति अपराध पुलिस कमिश्नरी लागू होने के दो वर्ष पूर्व दिसंबर 2019 से नवंबर 2020 तक पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद दिसंबर 22 से अब तक चोरी 1106 2490 वाहन चोरी 5907 12181 लूट 125 536 डकैती 8 8 हत्या 122 265
इंदौर में 30, भोपाल में 20% की बढ़ोतरी पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद महिला अत्याचार के मामले में इंदौर और भोपाल दोनों जगह बढ़ोतरी हुई है। इंदौर में यह बढ़ोतरी 30 प्रतिशत के लगभग है तो भोपाल में 20 प्रतिशत। इंदौर में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के पहले के दो वर्ष में महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज हुए 2952 थे, लेकिन पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद चार वर्ष में महिलाओं पर अत्याचार के 7569 प्रकरण दर्ज हुए। इसी तरह भोपाल में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के पहले के दो वर्ष में यह संख्या 4530 थी लेकिन पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद चार वर्ष में 10794 प्रकरण दर्ज हुए।
भोपाल में अपराध की स्थिति अपराध पुलिस कमिश्नरी लागू होने के दो वर्ष पूर्व दिसंबर 2019 से नवंबर 2020 तक पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद दिसंबर 22 से अब तक चोरी 1704 4141 वाहन चोरी 2426 6465 लूट 79 205 डकैती 01 02 हत्या 92 179 इंदौर-भोपाल में आठ सौ से ज्यादा आरोपित फरार विधानसभा पटल पर रखी गई जानकारी के अनुसार, इंदौर-भोपाल में आठ सौ से ज्यादा आरोपित फरार चल रहे हैं। इनमें से 474 आरोपित इंदौर और 328 आरोपित भोपाल के हैं। इसी तरह करीब साढ़े सात सौ से ज्यादा मामलों में पुलिस ने चालान ही पेश नहीं किया। इनमें से इंदौर में 474 और 277 मामले भोपाल में दर्ज हैं।