नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर में लंबे समय से आतंक मचाने वाले मछली परिवार के बदमाशों पर अब पुलिस का शिकंजा कसने जा रहा है। क्राइम ब्रांच ने इनके खिलाफ दर्ज मामलों का आपराधिक ब्यौरा तैयार कर थाना पुलिस को सौंप दिया है। माना जा रहा है कि यह कदम गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की दिशा में बड़ा संकेत है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मछली परिवार के कई सदस्य पिछले एक दशक से मारपीट और रंगदारी जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं। बार-बार गिरफ्तार होने के बावजूद वे जमानत पर छूटकर फिर से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहे। हाल ही में यासीन और शाहवर के खिलाफ दर्ज ड्रग तस्करी प्रकरण का चालान अदालत में पेश किया गया है। अब उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के तहत गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी है।
संगठित रूप से करते हैं अपराध
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट में बताया गया है कि मछली परिवार के कई सदस्य संगठित रूप से वारदात करते हैं। बुधवारा और बिलखिरिया क्षेत्र में डर का माहौल बनाने के लिए उन्होंने कई मारपीट की घटनाएं की हैं। रिपोर्ट में संगीन अपराधों का भी जिक्र है। वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि सामान्य धाराओं में दर्ज मुकदमे इनके अपराध पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हुए हैं।
पुलिस का कहना है कि गैंगस्टर एक्ट लागू कर न केवल इनकी संपत्तियों की कुर्की की जाएगी, बल्कि इनके पूरे नेटवर्क को भी ध्वस्त किया जाएगा। फिलहाल क्राइम ब्रांच ने ब्यौरा थाना पुलिस को भेज दिया है और जल्द ही हिस्ट्रीशीट, संपत्तियों का विवरण और नेटवर्क से जुड़े लोगों की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जाएगी। इसके बाद संबंधित क्षेत्रों में गैंगस्टर एक्ट की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होगी।
पुलिस को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से न केवल मछली परिवार का दबदबा टूटेगा, बल्कि शहर के अन्य अपराधियों को भी सख्त संदेश जाएगा।
नौ में छह भाई और उनके बेटे अपराधों में लिप्त
शारिक मछली – बिलखिरिया, कोहेफिजा, पिपलानी थाना
शफीक मछली – बैरसिया थाना
सोहेल मछली – बिलखिरिया थाना
शाहवर मछली – क्राइम ब्रांच, तलैया, अरेराहिल्स थाना
तारिक मछली – बिलखिरिया, पिपलानी, गोविंदपुरा थाना
शाहबाज मछली – तलैया थाना
मछली बंधुओं के बेटे-
साहिल उर्फ चिंटू मछली – एमपी नगर, चूनाभट्टी, तलैया थाना
यासीन उर्फ मिंटू मछली – क्राइम ब्रांच, कोहेफिजा, अरेराहिल्स, एमपी नगर
गैंगस्टर एक्ट से बढ़ेंगी मुश्किलें
कानूनविदों के अनुसार सामान्य अपराधों में जल्दी जमानत मिल जाती है, लेकिन गैंगस्टर एक्ट में कोर्ट अपराध की प्रवृत्ति और संगठित गिरोह की गतिविधियों को गंभीरता से देखता है। इस एक्ट में आरोपित लंबे समय तक जेल में रह सकता है। साथ ही अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त की जा सकती है। इसके तहत न केवल गिरोह के सदस्य, बल्कि मददगार और आर्थिक सहयोगी भी आरोपित बनाए जाते हैं।
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