
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: सरकारी वेबसाइटों से डाटा चुराकर पेंशनरों से साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। झारखंड का साइबर ठग सरकारी वेबसाइटों से ऐसे अधिकारियों का डाटा चुराता था, जिनका जल्द ही रिटायरमेंट होने वाला हो। जैसे ही वे अधिकारी रिटायर होते तो उन्हें ट्रेजरी विभाग का अधिकारी बताकर फोन करता और पेंशन बंद होने का डर दिखाकर उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ठगी करता था।
भोपाल क्राइम ब्रांच की साइबर सेल को लगातार पेंशनरों द्वारा ठगी के प्रयास की कई शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद केस दर्ज कर आरोपित प्रशांत कुमार पिता झारखंडी मंडल को झारखंड से गिरफ्तार किया। उसके पास से मध्यप्रदेश के कई रिटायर्ड अधिकारियों के फोन नंबर मिले हैं। उन्हें फोन कर आरोपित अपना शिकार बनाने वाला था।
पुलिस के अनुसार आरोपित प्रशांत कुमार मंडल, झारखंड के देवघर जिले का रहने वाला है। वर्तमान में वह रांची में रहकर साइबर ठगी कर रहा था। वह पिछले कई महीनों से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के रिटायर्ड सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को निशाना बना रहा था। प्रशांत खुद को राज्य ट्रेजरी आफिस का अधिकारी बताकर फोन करता था। वह कहता आपका पेंशन वेरिफिकेशन लंबित है, नहीं कराने पर पेंशन होल्ड हो जाएगी। डर और विश्वास के बीच फंसे बुजुर्ग अधिकारी उसकी बातों में आ जाते थे।
इसके बाद वह एक लिंक भेजता था, जिसमें पीड़ित को अपनी बैंक डिटेल, पैन नंबर, और ओटीपी भरने को कहा जाता था। लिंक दरअसल एक फिशिंग वेबसाइट होती थी, जो सरकारी पोर्टल जैसी दिखती थी। जैसे ही अधिकारी अपनी जानकारी दर्ज करते, प्रशांत उसके खाते से रकम निकालने की कोशिश करता।साइबर सेल को जब लगातार ऐसे मामलों की शिकायतें मिलने लगीं, तो टीम ने तकनीकी जांच शुरू की। काल डिटेल और बैंक ट्रांजेक्शन ट्रेस करने पर ठग की लोकेशन झारखंड में मिली।
पुलिस ने घेराबंदी कर प्रशांत को गिरफ्तार किया और उसके पास से कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और रिटायर्ड अधिकारियों की लिस्ट जब्त की। प्राथमिक पूछताछ में उसने बताया कि उसने यह डेटा सरकारी वेबसाइटों से निकाला, जहां अधिकारियों की सामान्य जानकारी सार्वजनिक रहती है। वह रोजाना दर्जनों लोगों को काल कर ठगी की कोशिश करता था।
भोपाल पुलिस ने पकड़ा तो रिटायर्ड डीएसपी से ठगी के मामले में आरोपित को ले गई इंदौर पुलिस भोपाल पुलिस को आरोपित द्वारा सिर्फ साइबर ठगी के प्रयास की शिकायत मिली थी, लेकिन जब उसके पास से मिले मोबाइल नंबरों की जांच की गई तो पता चला कि उसने इंदौर के एक रिटायर्ड डीएसपी से करीब ढाई लाख रुपये की साइबर ठगी की थी।
इंदौर के रिटायर्ड DSP से यह वारदात करीब डेढ़ साल पहले हुई थी। उन्होंने थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की थी। अब जबकि भोपाल पुलिस ने आरोपित के पकड़े जाने की सूचना दी तो इंदौर पुलिस ने केस भी दर्ज किया और आरोपित को भोपाल से अपने कब्जे में लिया।
आरोपित सरकारी विभाग के रिटायर्ड अधिकारियों को निशाना बनाता था। ट्रेजरी अधिकारी द्वारा सत्यापन के नाम पर ठगी का प्रयास करता था। पिछले दिनों ऐसे कई मामले आने की बात आई थी। पुलिस ने आरोपित को झारखंड से गिरफ्तार किया है।
-भोपाल पुलिस