नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। शहर के जहांगीराबाद स्थित दीप ड्रग हाउस में बुधवार को ड्रग विभाग ने तीन घंटे तक छापेमारी की। इस दौरान ड्रग इंस्पेक्टर तब्बसुम मैरोठा ने बताया कि कई सीरप में गुणवत्ता और सुरक्षा संबंधी खामियां पाई गई हैं। जांच के दौरान दीप ड्रग हाउस से कई बोतलें जब्त की गईं। साथ ही चार मेडिकल स्टोर्स से कफ सीरप के सैंपल भी लिए गए।
बता दें कि प्रदेश में बच्चों की मौतों के बाद प्रशासन हरकत में आया है। हाल ही में छिंदवाड़ा में कफ सीरप पीने से बच्चों की जानें गई थीं। इसके बाद फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की चार टीमें दवा बाजार में भी अचानक छापेमारी करने उतरी। टीम ने रेस्पिफ्रेस डी और एएनएफ कफ सीरप को खोजा, जिन पर हाल ही में प्रतिबंध लगाया गया था।
अधिकारियों ने दवा दुकानों से 10 बोतलों को सैंपल के लिए सील किया और 80 बोतलें जब्त कर लीं। जांच में पाया गया कि इनमें डायएथिलीन ग्लाइकॉल की अधिक मात्रा थी, जो बच्चों के लिए घातक साबित हो सकती है। मध्यप्रदेश एफडीए की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि 19 दवाओं के सैंपल में से तीन कफ सीरप गुणवत्ता मानकों पर फेल हुए हैं।
इनमें कोल्ड्रिफ कफ सीरप (तमिलनाडु निर्मित), री-लाइफ और रेस्पिफ्रेस टीआर (गुजरात की कंपनियों द्वारा निर्मित) शामिल हैं। भोपाल में ये सीरप कम से कम पांच मेडिकल एजेंसियों के माध्यम से सप्लाई किए गए थे। इसमें राहुल फार्मा, गुरुदेव ट्रेडर्स, प्रसिधि फार्मा, राजेन्द्र मेडिकल एजेंसी और राज मेडिकल एजेंसी के नाम सामने आए हैं।
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