नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। सरकारी नौकरी का लंबा समय देने के बाद भी एक बुजुर्ग कर्मचारी अपने ही पैसे के लिए दफ्तर-दफ्तर भटकने को मजबूर हैं। खंडवा निवासी 76 वर्षीय नटवरदास कटारिया साल 2009 में स्वास्थ्य विभाग से रिटायर हुए थे, पिछले 6 महीने से अपने बकाया भुगतान के लिए भोपाल और खंडवा के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। कटारिया की परेशानी की असली वजह कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं, बल्कि सिर्फ IFSC कोड की गलती है।
बुजुर्ग कर्मचारी का बैंक खाता तो खंडवा में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की IFMIS (एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली) में गलत कोड दर्ज हो गया। इसी कारण उनके बकाया का भुगतान अटक गया है। यह तकनीकी त्रुटि उनके लिए बड़ी दीवार बनकर खड़ी हो गई है। पिछले दिनों उनकी बकाया राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन गलत कोड के कारण पैसा खाते में जमा नहीं हो सका।
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कटारिया का कहना है कि उन्होंने कई बार इस समस्या के समाधान के लिए आवेदन किए, अधिकारियों से मिले और दफ्तरों के चक्कर लगाए, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला। 76 साल की उम्र में जब उन्हें आराम और सम्मान की जरूरत है, तब वे गंभीर सांस की बीमारी से जूझते हुए भोपाल और खंडवा के दफ्तरों में फाइलों के पीछे भाग रहे हैं।