
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को धोखाधड़ी के मामले में आरोपित दिलीप गुप्ता के चूना भट्टी स्थित आवास और एमपी नगर स्थित कार्यालय में छापा मारा। तलाशी के दौरान 21 लाख 18 हजार रुपये नकद, 44 जिंदा कारतूस, 60 से अधिक के रजिस्ट्री एवं एग्रीमेंट दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस दौरान 50 से अधिक कंपनियों की फाइलें मिलीं हैं, जिनमें निवेश, लेन-देन, शेयर आवंटन का ब्योरा है। ईओडब्ल्यू ने 5 हार्ड डिस्क और विभिन्न नामों के 15 पैन कार्ड भी बरामद किए हैं। हार्ड डिस्क में डिजिटल रिकार्ड, अकाउंट डेटा और अन्य इलेक्ट्रानिक दस्तावेज होने की संभावना है।
अधिकारियों ने बताया कि 13 सितंबर 2024 को विनीत जैन ने शिकायत की थी। एफआइआर दर्ज कर विवेचना शुरू की गई, लेकिन आरोपित ने पुलिस को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। महत्वपूर्ण रिकार्ड छिपाने या नष्ट करने की आशंका पर छापेमारी करनी पड़ी।
क्या है मामला
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिलीप कुमार गुप्ता ने डीजी मिनिरल्स प्रालि और श्री मां सीमेंटक प्रालि में निवेश के नाम पर उनसे करोड़ों रुपये लिए। माइनिंग व्यवसाय में उन्हें भारी लाभ और कंपनी में डायरेक्टर बनाने का झांसा देकर धोखाधड़ी की है। ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में पता चला कि वर्ष 2017–18 के बीच शिकायतकर्ता ने 6.89 करोड़ आरोपित के खाते में ट्रांसफर किए। आरोपित ने उसे 91 लाख रुपये लाभांश के रूप में लौटाए, ताकि शिकायतकर्ता आगे भी निवेश करता रहे।
शिकायतकर्ता ने जब पैसे वापस मांगे, तो आरोपित ने 7.74 करोड़ का चेक बंद खाते और 13 करोड़ का चेक ब्लाक खाते से दिया, जो बाउंस हो गए। शेयर आवंटन के फर्जी दस्तावेज भी पकड़ा दिए। कुल मिलाकर करीब 35 करोड़ की ठगी प्रमाणित हुई।