
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल: भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा। इसे विक्रमादित्य द्वार नाम दिया गया है। इसे उज्जैन में बने प्रवेश द्वार की तर्ज पर बनाया जाएगा। इसमें सम्राट विक्रमादित्य के शौर्य को कलाकृतियों के जरिये दर्शाया जाएगा। इसके निर्माण पर पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को राजधानी के फंदा क्षेत्र स्थित शासकीय महाराणा प्रताप स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में द्वार का भूमिपूजन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने फंदा का नाम बदलकर हरिहर नगर करने की घोषणा भी की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सामाजिक कुरीतियों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि मृत्यु भोज और विवाह समारोह में अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि फालतू खर्च के कारण गरीब परिवार कर्ज में डूब जाते हैं और जमीन तक गिरवी रखनी पड़ती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि दिखावे से बचें और बच्चों की शिक्षा पर खर्च करें।
मुख्यमंत्री ने अपने बेटे अभिमन्यु और बहू डॉ. इशिता की शादी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं सामूहिक विवाह सम्मेलन में बेटे की शादी की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सबका साथ-सबका विकास केवल नारे से नहीं, बल्कि करके दिखाने से पूरा होगा। सामूहिक विवाह में हर वर्ग के लोग शामिल होते हैं, जिससे सामाजिक समरसता बढ़ती है।
मुख्यमंत्री ने मेट्रोपालिटन सिटी योजना का जिक्र करते हुए बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम को मिलाकर एक मेट्रोपालिटन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। वहीं, इंदौर के आसपास धार, उज्जैन, देवास और शाजापुर को जोड़कर दूसरा महानगर बनाने की योजना पर भी काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे हर योजना में राजनीति करते हैं। उन्होंने लाड़ली बहना योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में हर महीने महिलाओं को राशि दी जा रही है, जो कांग्रेस को पच नहीं रही।
विधायक रामेश्वर शर्मा की मांग पर मुख्यमंत्री ने तूमड़ा हाई स्कूल की नई बिल्डिंग के लिए पांच करोड़ रुपये, फंदा में कालेज भवन निर्माण और धामनिया में उद्योग केंद्र की घोषणा की। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
इंदौर से भोपाल में प्रवेश करने पर अब 24.4 फीट ऊंचे गेट के शीर्ष पर सम्राट विक्रमादित्य के दर्शन होंगे। करीब पांच करोड़ रुपये से यह द्वारा बनेगा। फंदा में सिक्सलेन सड़क पर तीन पिलर पर बनने वाला यह प्रवेश द्वार भारतीय कलाकृति का एक भव्य नमूना होगा। इसकी कुल चौड़ाई 30 मीटर होगी। इसमें पांच मीटर का सेंट्रल वर्ज बनेगा, जिसमें हरियाली के लिए पौधे लगाए जाएंगे।