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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। पांच राज्यों के अलग-अलग शहरों की पॉश कॉलोनियों में ताले चटकाने वाले एक शातिर अंतरराज्यीय चोर को अयोध्यानगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बदमाश बीते करीब 20 साल से लगातार चोरी कर रहा था और अब तक 100 से अधिक वारदातें कर चुका है। उसने पांचवी तक ही पढ़ाई की है, लेकिन चोरी का प्लान बनाने और पुलिस से बचने की उसकी तरकीबें काफी एडवांस हैं। यही वजह है कि पुलिस को उसे पकड़ने में छह महीने का लंबा समय लग गया।
मई महीने में उसने मिनाल रेसीडेंसी में एक के बाद एक चोरी की छह वारदातें की थीं। इनमें डीआईजी मयंक अवस्थी के भाई के घर भी नकबजनी हुई थी। इसी के बाद से अयोध्यानगर पुलिस सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी थी। पुलिस को एक ऑटो चालक के जरिए उसकी लिंक मिली और फिर इंटरनेट मीडिया इंजीनियरिंग और दूसरे शहरों की पुलिस से समन्वय के बाद आखिरकार पुलिस ने उसे इंदौर से गिरफ्तार किया।
एसीपी एमपी नगर मनीष भारद्वाज ने बताया कि आरोपित 46 वर्षीय विजेंद्र उर्फ बन्टू मूलत: झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। फिलहाल वह अपनी पत्नी के साथ वडनेरा, अमरावती में रहता है और खुद को ऑटो डीलर बताता था। उसके विरुद्ध हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश में चोरी के 28 केस दर्ज हैं। किशोरावस्था में ही उसने चोरी करना शुरू कर दिया था। वह बड़े शहरों को निशाना बनाता था। खास बात है कि जिस प्रदेश में वह चोरी के प्रकरण में पकड़ा जाता, वहाँ से भागकर दूसरे राज्य चला जाता था। हरियाणा से चोरी की शुरुआत करने के बाद वह तीन राज्यों में गया। वहां भी पकड़ा गया तब मध्यप्रदेश पहुंचा।
अयोध्यानगर थाना प्रभारी महेश लिल्हार ने बताया कि बदमाश बेहद शातिर है। वह पुलिस की नजर से बचने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही नहीं करता था। एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए भी ट्रेन की बजाय बस का ही उपयोग करता था। यहां तक की बस स्टैंड से वह बसों में नहीं बैठता था। बल्कि पहले बस स्टैंड से बस के रूट की पूरी जानकारी जुटाता और फिर उसी मार्ग पर ऑटो से जाकर बस में बैठता था। दूसरे शहर पहुंचने पर भी वह बस स्टैंड से पहले ही उतर जाता था।
आरोपित ने आखिरी बार 2019 के बाद से इंटरनेट मीडिया का उपयोग बंद कर दिया था। साथ ही वह यूपीआई भी नहीं चलाता था। जिस शहर में वारदात करता, वहां पहुंचने से पहले ही फोन बंद कर लेता था। इमरजेंसी में वह ऑटो चालक या फिर किसी राह चलते व्यक्ति के फोन का उपयोग करता था, ताकि किसी भी प्रकार का डिजिटल फुटप्रिंट न छूट पाए।
आरोपित विजेंद्र कई बार पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है, लेकिन अभी भी वह हरियाणा और राजस्थान समेत तीन राज्यों में वांटेड था। उसके विरुद्ध 15 वारंट जारी किए गए थे। हर बार पकड़े जाने पर वह और भी सतर्कता से चोरी करता था। आरोपित मकानों को निशाना बनाकर सिर्फ नकदी और जेवरात ही चुराता था। इतना ही नहीं, पुलिस किसी भी तरह से उसे न पकड़ सके इसलिए वह चोरी के माल को दूसरे शहरों में भी तुरंत नहीं बेचता था। इन चालाकियों के बाद उसे पूरा विश्वास था कि पुलिस अब उसे नहीं पकड़ पाएगी। वह इंतजार करता था कि पुलिस जब थक जाएगी और उसकी तलाश बंद कर देगी तब वह दो से तीन साल बाद चोरी किए गए जेवरात खुद गलाकर उनका आकार बदलता और फिर बेचता था। पुलिस ने उसके पास से 150 ग्राम सोना, एक किलो चांदी और स्कूटी जब्त की है।
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