राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। त्योहारी सीजन में मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख से अधिक पेंशनरों के लिए छत्तीसगढ़ से अच्छी खबर आई है। इन्हें दो प्रतिशत की दर से अधिक महंगाई राहत मिलेगी, यानी वृद्धि के बाद यह 55 प्रतिशत हो जाएगी। यद्यपि, यह जनवरी से नहीं, बल्कि सितंबर की पेंशन से मिलेगी। अक्टूबर में भुगतान बढ़ी हुई दर पर होगा। वित्त विभाग छत्तीसगढ़ से सहमति मिलने के बाद अब महंगाई राहत में वृद्धि के लिए कैबिनेट के समक्ष निर्णय के लिए प्रस्ताव रखेगा।
प्रदेश में कर्मचारियों को एक जनवरी 2025 से 55 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि पेंशनरों को मार्च 2025 से 53 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत दी जा रही है। इस दो प्रतिशत के अंतर का कारण वित्त विभाग छत्तीसगढ़ से प्राप्त सहमति को बताता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के तहत पेंशनर व परिवार पेंशनर को दी जाने वाली महंगाई राहत में वृद्धि का निर्णय दोनों राज्यों की सहमति से होता है।
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से गत 12 मार्च 2025 को सातवें वेतनमान में तीन और छठवें वेतनमान में सात प्रतिशत महंगाई राहत बढ़ाने की सहमति दी। इसके आधार पर वृद्धि की गई। अब 53 प्रतिशत महंगाई राहत को दो प्रतिशत बढ़ाकर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के बराबर करने की सहमति दी गई है। यह सितंबर की पेंशन से लागू होगी यानी अक्टूबर से भुगतान प्राप्त होगा। इसके आधार पर ही प्रस्ताव तैयार किया गया है।
पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आमोद सक्सेना का कहना है कि मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अंतर्गत राज्य के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों को भी एक जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लिया था, किंतु पेंशनरों को इसका लाभ एक सितंबर 2008 से दिया गया। 32 माह के एरियर का भुगतान आज तक नहीं किया गया। एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी ने कहा कि पेंशनरों के साथ भेदभाव कर आर्थिक हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है।
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