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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भले ही भोपाल मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का सीएमआरएस की टीम तीन बार निरीक्षण कर चुकी है। अंदर से अधिकांश सभी मेट्रो स्टेशन के काम लगभग पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी मेट्रो स्टेशन के बाहर के कामों को पूरा करने में प्रबंधन के पसीने छूट रहे हैं। सबसे ज्यादा डीआरएम मेट्रो स्टेशन से लेकर एम्स मेट्रो स्टेशन तक के काम बिखरे हुए हैं। जिन्हें मेट्रो प्रबंधन पूरा करने में जुटा हुआ है।
यह कॉरिडोर करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबा है। प्रायोरिटी कारिडोर के इसी कारिडोर पर सबसे अधिक कम आधे अधूरे हैं। जिसका असर सीएमआरएस की रिपोर्ट को प्रभावित कर सकता है। हालांकि इसको लेकर मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि सीएमआरएस के जुड़े काम सभी पूरे हो गए हैं। इसलिए सीएमआरएस की रिपोर्ट को अधूरे काम प्रभावित नहीं करेंगे। अब देखना यह हे कि सीएमआरएस की आने वाले दिनों में आने वाली रिपोर्ट क्या होती है। फिलहाल शहरवासी इस बात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि आखिरी भोपाल मेट्रो चलेगी कब।
डीआरएम मेट्रो स्टेशन के समीन बना एंट्री एग्जिट का पहला स्टेशन ही पूरी तरह बनकर तैयार नहीं हुआ है। जहां से यात्री मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेंगे। वर्तमान में यहां अंदर और बाहर फिनिशिंग वर्क तेजी से चल रहा है। जबकि दूसरे एंट्री एग्जिट का सिर्फ ढांचा ही तैयार हुआ है। इधर करीब 75 प्रतिशत काम बाकी हैं।
प्रायोरिटी कारिडोर का अकलपुरी मेट्रो स्टेशन में सबसे अधिक काम बाकी है। मेट्रो स्टेशन के अंदर और बाहर दोनों जगह काम किया जा रहा है। स्टेशन के अंदर जहां फिनिशिंग वर्क चल रहा है। जानकारी के अनुसार इधर कई जगह ग्रेनाइट लगाए जाने हैं। जिसके लिए ग्रेनाइट की घिसाई का काम चल रहा है।
एम्स मेट्रो स्टेशन के अंदर के काम लगभग पूरे हो गए हैं। पहली एंट्री एग्जिट भी लगभग बनकर तैयार है, लेकिन दूसरी एंट्री-एग्जिट का अब तक सिर्फ ढांचा ही खड़ा हुआ है। जिसको देखकर कहना गलत नहीं होगा कि इसको पूरा होने में मेट्रो प्रबंधन को कम से कम तीन महीने लगेंगे।