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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में एक ऐसा शातिर गिरोह सक्रिय हो गया है जो बेरोजगारों को एम्स भोपाल में सीधी भर्ती का झांसा देकर लाखों रुपये ठग रहा है। नौकरी के नाम पर बढ़ती धोखाधड़ी की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए अब एम्स प्रबंधन ने आधिकारिक चेतावनी जारी की है और आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। हाल ही में छह-सात ऐसे गंभीर मामले सामने आए हैं, जहां उम्मीदवारों से मोटी रकम वसूली गई। पीड़ितों ने बताया कि ठग खुद को एम्स का वरिष्ठ अधिकारी या भर्ती बोर्ड का सदस्य बताकर मिलते हैं।
वे उम्मीदवारों को फर्जी इंटरव्यू के लिए बुलाते हैं और फिर एम्स भोपाल के लेटरहेड पर हूबहू दिखने वाला फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देते हैं। जब उम्मीदवार ज्वाइनिंग के लिए एम्स पहुंचते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि उनके साथ धोखा हुआ है। कुछ मामलों में तो ठगों ने सोशल मीडिया पर एम्स भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर भी पैसे मांगे हैं। ठगों का यह गिरोह नर्सिंग स्टाफ, टेक्नीशियन, क्लर्क और सफाईकर्मी की नौकरी दिलाने के नाम पर दो से पांच लाख रुपये तक की मांग करता है। पैसे लेने के बाद ये दलाल अपने मोबाइल नंबर बंद कर लेते हैं और गायब हो जाते हैं।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक ने स्पष्ट किया है कि संस्थान में नियुक्तियां पूर्णतः पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होती हैं। प्रबंधन ने सख्त लहजे में कहा है कि एम्स में भर्ती के लिए कोई भी एजेंट या बिचौलिया नियुक्त नहीं है। सभी भर्तियों की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट (www.aiimsbhopal.edu.in) पर जारी की जाती है। यदि कोई उम्मीदवार नौकरी पाने के लिए सिफारिश, रिश्वत या किसी अनुचित तरीके का इस्तेमाल करता पाया गया, तो उसकी उम्मीदवारी तत्काल रद्द कर दी जाएगी और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी।
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