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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अगर आप भोपाल से दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए खास है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम को और बेहतर बनाने के लिए रेलवे आधुनिक तकनीक का लगातार उपयोग कर रहा है। इसी क्रम में रानी कमलापति (आरकेएमपी) डिपो में वंदे भारत रेक IC2010 में वाइब्रेशन माप और विश्लेषण प्रणाली लागू की गई है, जिसके माध्यम से ट्रेन की राइड क्वालिटी और तकनीकी स्थिति की नियमित व सटीक निगरानी की जा रही है।
वंदे भारत एक्सप्रेस में लगाए गए विशेष वाइब्रेशन मीटर के जरिए बोगी, पहियों और सस्पेंशन सिस्टम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती है। इससे ट्रेन के संचालन के दौरान होने वाले झटकों और कंपन का आकलन किया जाता है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, समान गति पर वंदे भारत ट्रेनों में पारंपरिक आईसीएफ और एलएचबी कोचों की तुलना में कंपन काफी कम होता है, जिससे यात्रियों को स्मूथ और शांत यात्रा का अनुभव मिलता है।
आरकेएमपी डिपो में हर 15 दिन में वंदे भारत एक्सप्रेस के पूरे रेक का वाइब्रेशन डेटा रिकार्ड कर उसका गहन विश्लेषण किया जाता है। इस हाई-टेक वाइब्रेशन मानिटरिंग सिस्टम के जरिए ट्रेन के हर कोच, बोगी और पहियों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती है। जांच के दौरान यदि वाइब्रेशन में किसी भी तरह की मामूली असामान्यता सामने आती है, तो व्हील फ्लैट, बेयरिंग या सस्पेंशन से जुड़ी संभावित खराबियों की समय रहते पहचान कर मरम्मत और निवारक रखरखाव किया जाता है। इससे तकनीकी खामियां पहले ही दूर हो जाती हैं और यह सुनिश्चित होता है कि वंदे भारत एक्सप्रेस हर सफर में सुरक्षित, सुचारु और पूरी तरह फिट बनी रहे।
वंदे भारत एक्सप्रेस में वाइब्रेशन मानिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग रेलवे के डिजिटल इंडिया विजन को मजबूती देता है। डेटा आधारित स्मार्ट मेंटेनेंस से ट्रेनों की रियल-टाइम निगरानी संभव हो रही है। इससे मैनुअल जांच पर निर्भरता कम हुई है, रखरखाव अधिक सटीक बना है और सुरक्षित, तेज व भरोसेमंद रेल सेवा की दिशा में रेलवे ने बड़ा कदम बढ़ाया है। रेलवे की योजना है कि भविष्य में वंदे भारत एक्सप्रेस में सफल वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से अन्य रूटों पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेनों में भी लागू किया जाए। इससे पूरे नेटवर्क में ट्रेन सुरक्षा, रखरखाव की गुणवत्ता और यात्रियों का राइड कम्फर्ट और बेहतर हो सकेगा। - कोचिंग डिपो ऑफिसर, शिवम त्रिवेदी