राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। रतलाम में मुख्यमंत्री के काफिले के वाहनों में पानी मिला डीजल डालने के प्रकरण में दोषी पंप संचालक पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है,वहीं अब प्रदेश भर के पेट्रोल पंपों की गहन जांच कराई जाएगी। मध्य प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पेट्रोल पंपों की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रतलाम में हुई घटना का संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से कहा कि उपभोक्ताओं को हर हाल में गुणवत्ता युक्त पेट्रोल एवं डीजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।
निर्देश दिए कि प्रत्येक पेट्रोल पंप की जांच में प्रतिदिन सुबह किए जाने वाले निरीक्षण की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज की जाए। इस संबंध में जरूरी सॉफ्टवेयर का निर्माण करने के निर्देश भी दिए गए हैं। राजपूत ने वरिष्ठ अधिकारियों को ऑयल कंपनियों के साथ बैठक करके भी बिना मिलावट पेट्रोल व डीजल विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
दरअसल, गुरुवार रात को रतलाम जिले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के काफिले के 19 वाहनों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के पेट्रोल पंप- शक्ति फ्यूल प्वॉइंट डोसीगांव से डीजल भरवाया गया था। डीजल में पानी की मिलावट होने से आगे जाकर सड़क पर सभी वाहन बंद हो गए। रतलाम के खाद्य अधिकारियों द्वारा पंप की तत्काल ही जांच की गई। इसमें पानी की मिलावट की पुष्टि हुई।
इस प्रकरण में मोटर स्पिरिट और उच्च व्यय डीजल (प्रदाय तथा वितरण का विनियम और अनाचार निवारण) आदेश 2005 के प्रविधानों के तहत जिम्मेदार पंप संचालक के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। पंप पर उपलब्ध पेट्रोल 5995 लीटर एवं डीजल 10657 लीटर जब्त कर पंप को सील कर दिया है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव व खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण रश्मि अरुण शमी ने इस घटना के संबंध में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने घटना के संबंध में तत्काल विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश बीपीसीएल को दिए हैं। यह भी कहा कि वर्षा के मौसम को देखते हुए ऑयल कंपनियों को प्रदेश के समस्त पेट्रोल पंपों का निर्धारित चेक लिस्ट अनुसार निरीक्षण किया जाएगा।
निरीक्षण में यह अवश्य देखा जाएगा कि पेट्रोल पंपों के भूमिगत टैंकों में पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा है। यदि ऐसा पाया जाता है तो पानी के रिसाव को रोकने एवं उपभोक्ताओं को सही गुणवत्ता का डीजल पेट्रोल देने की व्यवस्था की जाएगी। सभी ऑयल कंपनी के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में उनकी तरफ से कोई समस्या नहीं आएगी और पेट्रोल पंपों की सघन जांच की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले सभी पेट्रोल पंप की खाद्य, राजस्व, नापतौल एवं ऑयल कंपनी के अधिकारियों का दल बनाकर जांच कराएं।