नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की छमाही परीक्षाएं तीन नवंबर से शुरू होंगी। इस बार बोर्ड व वार्षिक परीक्षा पैटर्न के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। एमपी राज्य ओपन बोर्ड इन कक्षाओं के प्रश्नपत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से प्रशिक्षित शिक्षकों से तैयार कराए जाएंगे। मंडल द्वारा जारी अंक योजना और अक्टूबर तक के पाठ्यक्रम के आधार पर प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। परीक्षा के दिन भी कक्षाएं लगाई जाएंगी और अगले दिन के विषय की तैयारी कराई जाएगी। इसके बाद इसका परिणाम घोषित होते ही विद्यार्थियों को समूहों में बांटा जाएगा और उनके लिए रेमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगी।
लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने छमाही परीक्षा की समय सारणी जारी कर दी है। साथ ही स्कूलों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि छमाही परीक्षा के बाद इन चारों कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा यह चिह्नित किया जाएगा कि कौन सा विद्यार्थी किस विषय में कमजोर है या उसे किन विषयों में कम अंक आए हैं। इसमें मुख्य रूप से गणित और अंग्रेजी के लिए कक्षाएं लगाई जाएंगी। अगर किसी विद्यार्थी को अन्य विषयों में समस्या है तो उसके समाधान के लिए भी कक्षाएं लगाई जाएंगी। बता दें, कि इस बार सभी परीक्षाएं एक माह पहले आयोजित की जा रही है। एमपी बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षा सात फरवरी से आयोजित होंगी।
नौवीं व 10वीं कक्षा की परीक्षा तीन से 11 नवंबर तक आयोजित की जाएंगी। सुबह 10 से दोपहर एक बजे तक परीक्षा होगी। परीक्षा के बाद अगले दिन के विषय की तैयारी कराई जाएगी। वहीं 11वीं व 12वीं कक्षा की परीक्षा तीन से 13 नवंबर तक दोपहर 1.30 बजे से 4.30 बजे तक आयोजित होंगी। इनकी सुबह परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी।
परीक्षा के बाद शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर विद्यार्थियों को उनकी त्रुटियां बताई जाएंगी। 20 नवंबर को अभिभवक-शिक्षक संघ की बैठक कर अभिभावकों को भी उत्तर पुस्तिकाएं दिखाई जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि छमाही परीक्षा के रिजल्ट ये यह समझ आ जाएगा कि विद्यार्थियों की तैयारी कैसी है और उन्हें कितना आता है। इसी के आधार पर उनकी वार्षिक व बोर्ड परीक्षा की तैयारी करवाई जाएगी, ताकि परिणाम में सुधार किया जा सके। इसके लिए विभिन्न कक्षाओं में कमजोर व तेज विद्यार्थियों का अलग-अलग ग्रुप भी बनाया जाएगा। रिवीजन कक्षाएं भी चलाई जाएंगी, ताकि वार्षिक परीक्षा की तैयारी और पुख्ता हो सके।
स्कूलों में विद्यार्थियों को सैंपल पेपर बनाकर हल करने को दिया जाएगा। यह प्रक्रिया स्कूल स्तर पर होगी। प्रश्नपत्र विद्यार्थियों को होमवर्क के तौर पर घर से हल कर लाना होगा।इस तरह से उनकी वार्षिक व बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए प्रैक्टिस करवाई जाएगी।
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डीपीआई संचालक डीएस कुशवाहा ने कहा कि छमाही परीक्षा समाप्त होते ही बोर्ड कक्षाओं के लिए रेमेडियल कक्षाओं का संचालन शुरू किया जाएगा। इसमें गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगाई जाएंगी। परीक्षा के बाद भी कक्षाएं लगाकर अगले दिन की तैयारी कराई जाएगी।