
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल और रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों की बढ़ती गतिविधियां यात्रियों के लिए परेशानी बनकर सामने आ रही हैं। बिना अनुमति और लाइसेंस के वेंडर प्लेटफार्म पर खुलेआम खाद्य सामग्री बेच रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा प्रभावित हो रही है, बल्कि उनकी सेहत पर भी खतरा मंडरा है। रेलवे प्रशासन की समय-समय पर की जाने वाली जांच और कार्रवाई भी इन पर अंकुश लगाने में नाकाम है।
ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि बिना लाइसेंस वाले वेंडर घटिया क्वालिटी का सामान ऊंचे दामों पर बेचते हैं। कई बार खाने-पीने की चीजें खुले में रखी जाती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। रेलवे प्रशासन और आरपीएफ समय-समय पर छापामार कार्रवाई करते हैं, लेकिन ये अभियान महज औपचारिकता तक ही सीमित रहते हैं। अवैध वेंडरों को पकड़ने के बाद अक्सर छोड़ दिया जाता है और कुछ ही दिनों में वे दोबारा सक्रिय हो जाते हैं। यही कारण है कि समस्या स्थायी रूप से खत्म नहीं हो पा रही है।
ट्विटर पर यात्री कर रहे शिकायत
ट्विटर पर नजर डालें तो अवैध वेंडरों की शिकायतों की भरमार दिखाई देती है। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन में यात्रा करते समय उनके पास सामान खरीदने का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता, इसलिए मजबूरी में उन्हीं वेंडरों से सामान लेना पड़ता है। इस स्थिति का फायदा उठाकर कई वेंडर मनमाने दाम वसूल रहे हैं, जिससे यात्रियों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
570 वेंडरों पर हुआ केस दर्ज
सितंबर और अक्टूबर में भोपाल मंडल ने अवैध वेंडरों पर सख्त कार्रवाई की है। पिछले दो महीनों में करीब 570 वेंडरों पर विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किए गए, जबकि लगभग 1000 वेंडरों पर जुर्माना लगाकर कड़ी चेतावनी के साथ छोड़ दिया गया। कार्रवाई का मकसद स्टेशन और ट्रेनों में बढ़ती अवैध वेंडिंग पर रोक लगाना और यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करना है।
अनधिकृत ब्रांड पर 3 से 4 रुपए ज्यादा होती है कमाई
यात्री, सुरेश कुमार ने बताया कि अनधिकृत पानी के ब्रांड पर प्रति बोतल 5 से 7 रुपये की कमाई होती है। जबकि रेलनीर बेचने पर प्रति बोतल 2 से 3 रुपये ही वेंडर को मिलते हैं। इसी वजह से वैध वेंडर भी प्रयास करते हैं कि वे ज्यादा से ज्यादा दोयम दर्जे का पानी यात्रियों को बेच दें।
शिकायत मिलने पर हो रही है कार्रवाई
नवल अग्रवाल, पीआरओ भोपाल मंडल का कहना है कि "अवैध वेंडरों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद आरपीएफ ने चिह्नित स्थानों पर प्रभावी कार्रवाई शुरू की। रेल मंडल की टीमें भी लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चलाकर स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडिंग पर निगरानी रख रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो भी वेंडर मनमाने दाम वसूलते या नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त केस दर्ज किया जाएगा। कार्रवाई का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।"