नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए रेलवे बोर्ड ने देश के 73 प्रमुख एवं व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इस नई व्यवस्था के तहत स्टेशन निदेशक को विशेष अधिकार दिए जाएंगे, ताकि वे त्योहारों एवं विशेष अवसरों पर भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी निभा सकें।
स्टेशन निदेशक अब यात्रियों को ट्रेन आने के समय से काफी पहले प्लेटफार्म पर जाने से रोक सकेंगे। यात्रियों को प्रतीक्षालय में ही रहना होगा। रेलवे ने प्रयागराज महाकुंभ और मुंबई में हुई भगदड़ के अनुभवों से सबक लेते हुए यह निर्णय लिया है। महाकुंभ के दौरान नई दिल्ली, सूरत और पटना जैसे प्रमुख स्टेशनों पर अस्थायी प्रतीक्षालय बनाकर भीड़ को रोका गया था। अब इस मॉडल को स्थायी रूप दिया जा रहा है।
देश के 73 व्यस्त स्टेशनों पर स्थायी प्रतीक्षालय बनाए जाएंगे, जहां से यात्रियों को केवल ट्रेन के आगमन के समय ही प्लेटफार्म तक पहुंचने की अनुमति होगी। त्योहारों के दौरान ट्रेनों में अत्यधिक भीड़ की स्थिति में स्टेशन निदेशक ट्रेनों की उपलब्धता और क्षमता के अनुसार टिकटों की बिक्री को नियंत्रित कर सकेंगे।
रेलवे की ओर से सभी कर्मचारियों को नई डिजाइन की वर्दी और आइडी कार्ड प्रदान किए जाएंगे, जिससे किसी भी आपात स्थिति में उनकी पहचान सरल हो सके। स्टेशन परिसर में अब केवल अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश मिलेगा, जिसके लिए नया आइडी कार्ड सिस्टम लागू किया जा रहा है।
भीड़ प्रबंधन एवं समन्वय को तेज और प्रभावी बनाने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर वार रूम बनाए जाएंगे। इनमें रेलवे के विभिन्न विभागों के अधिकारी एक साथ बैठकर काम करेंगे, ताकि किसी भी संकट या भीड़भाड़ की स्थिति में त्वरित निर्णय लिए जा सकें।
इस व्यवस्था को नई दिल्ली, आनंद विहार, अयोध्या, वाराणसी और गाजियाबाद स्टेशनों पर प्रायोगिक तौर पर लागू किया गया है। इसके तहत रेलवे ने 12 मीटर और 6 मीटर चौड़ाई वाले दो नए डिजाइन के फुट-ओवर-ब्रिज तैयार किए हैं। ये एफओबी रैंप युक्त होंगे।