IT Raid in MP: चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति करने वाली कंपनी व उससे जुड़े 30 स्थानों पर आयकर छापेमारी
IT Raid in MP: बता दें कि साइंस हाउस कंपनी मध्य प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में भी काफी काम कर रही है। जिला अस्पतालों की लैब इस कंपनी को आउटसोर्स पर दी गई हैं। जब्त दस्तावेजों की जांच में गड़बड़ी की परतें खुलने की संभावना है।
Publish Date: Tue, 02 Sep 2025 09:01:22 PM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Sep 2025 09:04:33 PM (IST)
भोपाल व इंदौर में हुई छापेमारी।HighLights
- चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति करने वाली कंपनी एवं 30 स्थानों पर आयकर छापेमारी।
- भोपाल, इंदौर और मुंबई में हुई कार्रवाई, संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेस जब्त।
- साइंस हाउस के संचालक जितेंद्र तिवारी, शैलेंद्र तिवारी और उनके ही परिवार के लोग हैं।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। आयकर विभाग ने कर चोरी के संदेह में चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति और मेडिकल लैब से जुड़े काम करने वाली कंपनी- साइंस हाउस मेडिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के लगभग 30 स्थानों पर छापा मारा। भोपाल में गौतम नगर स्थित कंपनी के कार्यालय के अतिरिक्त इससे जुडीं अन्य कंपनियां और कारोबारियों के इंदौर व मुंबई मुंबई स्थित स्थानों पर छापेमारी की गई।
आयकर की टीमों ने छापे में कर चोरी का पता लगाने के लिए दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसेस जब्त किए हैं। विभाग की टीम ने सुबह पांच बजे सभी स्थानों पर दबिश दी। साइंस हाउस के संचालक जितेंद्र तिवारी, शैलेंद्र तिवारी और उनके परिवार के लोग हैं।
इसी संबंध में भोपाल में टीम ने मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति करने वाले कारोबारी राजेश गुप्ता के लालघाटी के पास पंचवटी कालोनी स्थित आवास में छापा मारा। छापे की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रह सकती है।
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग के अधिकारियों ने कंपनी के निदेशक जितेंद्र तिवारी और उससे जुड़े तीन अन्य लोगों से पूछताछ भी की है। साइंस हाउस के कार्यालय में आयकर की टीम पांच वाहनों से पहुंची थी। कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
संचालकों को पिछले वर्ष गिरफ्तार कर चुका है ईओडब्ल्यू
- कोविड काल में मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में दवा और उपकरण खरीदी में हुई गड़बड़ी के मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) भोपाल ने आपूर्तिकर्ता कंपनी साइंस हाउस मेडिकल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी और उसके भाई शैलेंद्र तिवारी को जून 2024 में दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। वे चीन से लौटे थे।
उन पर आरोप था कि अनूपपुर के तत्कालीन सीएमएचओ बीडी सोनवानी और अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के साथ मिलकर वित्तीय निविदा में गड़बड़ी की है।
इसके आधार बाजार दर से कई गुना महंगे दामों में उपकरणों की खरीद की गई थी। ईओडब्ल्यू ने इस मामले में 13 आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की थी।
जांच एजेंसी को आशंका थी कि आरोपित विदेश भाग सकते हैं, इसलिए 30 मई 2024 को उनके विरुद्ध लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था।