नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। अमेजन कंपनी में वर्क फ्रॉम होम की नौकरी का झांसा देकर तलैया क्षेत्र के एक ठग ने 80 लोगों से आठ लाख रुपये की ठगी की है। आरोपित कंपनी में जुगाड़ से नौकरी लगवाने का झांसा देता था। बाद में बेरोजगार युवाओं को अमेजन की फर्जी मेल आइडी से ज्वॉइनिंग लैटर भेज देता था, जिससे लोग उस पर विश्वास कर 10 हजार रुपये दे देते थे। इस तरह उसने छह महीने में 80 लोगों से आठ लाख रुपये ऐंठ लिए थे। करोंद निवासी एक पीड़ित की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
एसआइ भरत लाल प्रजापति के अनुसार नबील सिद्दीकी कमला पार्क क्षेत्र, तलैया में रहता है। वह वर्ष 2019-20 में अमेजन कंपनी में कस्टमर एसोसिएट के तौर पर काम करता था। वर्तमान में वह एक अन्य टेलीकॉलिंग कंपनी के लिए काम कर रहा था। आरोपित का परिचय निशातपुरा निवासी सलमान नामक युवक से था। करीब डेढ़ साल पहले सलमान ने नबील से नौकरी लगवाने को कहा था, जिस पर उसने बताया कि अमेजन में उसकी पहचान है, वहां नौकरी लग जाएगी, लेकिन दस हजार रूपये देना होंगे।
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सलमान इसके लिए राजी हो गया, जिसके बाद आरोपित ने अमेजन के नाम से एक फर्जी मेल आइडी बनाई और उसके जरिए पहले से तैयार किया गया एक फर्जी ज्वाइनिंग लैटर सलमान को भेज दिया। सलमान इससे संतुष्ट हो गया और उसने दस हजार रुपये नबील को दे दिए।
कई दिनों बाद जब ज्वाइनिंग डेट नहीं मिली तो सलमान ने नबील से नौकरी को लेकर पूछा, जिस पर नबील ने बताया कि कंपनी में 20 लोगों की इकट्ठी ज्वाइनिंग होगी। ऐसे में और लोगों को तलाशना पड़ेगा, जब उनके आवेदन कंपनी पहुंचेंगे, तब एक साथ सभी को नौकरी पर रख लिए जाएगा। इसके बाद सलमान ने अपने दोस्तों-परिचितों को भी नौकरी के लिए नबील से मिलवाया और नबील से सब से 10-10 हजार रुपये ऐंठे।
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वहीं, अभ्यार्थियों की संख्या 20 तक पहुंचने के बाद उसने बढ़ाकर 50 और फिर 100 कर दी। इससे जिन लोगों ने रुपये फंसा दिए थे, वे दूसरे लोगों को ढूंढने लगे और उन्हें कंपनी में ज्वॉइन करवाने के लिए मनाने लगे। वहीं छह महीने बीत जाने के बाद भी नौकरी न मिलने पर कुछ लोगों ने साइबर सेल में शिकायत कर दी। इस पर 30 सितंबर को पुलिस ने केस दर्ज किया था। वहीं जब आरोपित को एफआईआर दर्ज होने की जानकारी मिली तो वह घर से पुणे भाग गया। कुछ दिनों बाद वापस लौटा तो पुलिस ने घेराबंदी कर लाल घाटी क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया।
एसआइ प्रजापति ने बताया कि नौकरी के इस ठगी के जाल को कोई समझ न पाए, इसके लिए आरोपित नबील अभ्यार्थियों का हर तरह से भरोसा जीतता था। वह फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग भी देता था। ताकि जब इकट्ठी भर्ती होगी तो आवेदक इंटरव्यू पास कर सकें।