
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। रेलवे में यात्रियों के आरामदायक सफर के लिए दी जाने वाली सुविधाओं पर चोरी की मार लगातार बढ़ती जा रही है। बीते दो वर्षों के भीतर ट्रेनों से लिनन (बिस्तर) सामान की चोरी के कारण रेलवे को 34 लाख रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि चोरों की पहली पसंद 'सफेद बेडशीट' बनी हुई है। अकेले बेडशीट की चोरी से ही रेलवे को 20 लाख रुपये से ज्यादा की क्षति उठानी पड़ी है।
रेलवे द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में सफेद बेडशीट, पिलो कवर, कंबल और तकिये सहित कुल 11,709 लिनन आइटम चोरी हुए, जिनकी कुल कीमत 23.01 लाख रुपये आंकी गई। चोरी का यह सिलसिला चालू वर्ष में भी थमा नहीं है। अप्रैल 2025 से नवंबर 2025 के बीच ही 11,682 लिनन आइटम गायब पाए गए हैं, जिससे रेलवे को लगभग 11.74 लाख रुपये का और नुकसान हुआ है।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि सर्दियों और गर्मियों के 'पीक सीजन' के दौरान चोरी की घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं। खासतौर पर स्पेशल ट्रेनों में नियमित चेकिंग की कमी का फायदा चोर उठाते हैं। मार्ग के आधार पर देखा जाए तो बिहार रूट की ट्रेनों में चोरी की शिकायतें सबसे ज्यादा आती हैं। इसके अलावा अगरतला एक्सप्रेस और हमसफर जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में भी ऐसे मामले लगातार दर्ज किए जा रहे हैं, क्योंकि लंबी यात्रा और भीड़भाड़ के कारण निगरानी रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
वर्तमान में रेलवे ने कंबल की धुलाई और यात्रियों को वितरण करने का ठेका निजी कंपनियों को दे रखा है। नियमों के मुताबिक, रेलवे बोर्ड द्वारा सामान उपलब्ध कराए जाने के बाद यदि कोई भी आइटम चोरी होता है, तो उसका हर्जाना संबंधित कांट्रेक्टर के बिल से काटा जाता है। साथ ही, प्रत्येक कोच में अटेंडेंट की तैनाती अनिवार्य की गई है। यदि किसी कोच से सामान गायब होता है, तो इसकी वसूली संबंधित अटेंडेंट से की जाती है। हालांकि, स्टाफ की सतर्कता के बावजूद यात्रियों की भारी भीड़ के कारण चोरी रोकना मुश्किल साबित हो रहा है।
भोपाल मंडल के पीआरओ नवल अग्रवाल का कहना है कि चोरी रोकने के लिए सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने यात्रियों से भी अपील की है कि वे रेलवे की संपत्ति को अपनी समझें और लिनन सामान का उपयोग करने के बाद उसे ट्रेन में ही छोड़कर जाएं। इससे न केवल सरकारी संपत्ति की सुरक्षा होगी, बल्कि अन्य यात्रियों को भी साफ-सुथरी और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
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