MP सरकार ने एक रुपये में 25 एकड़ जमीन दी तब मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए मिले निवेशक
MP News: देश में पहली बार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से चार मेडिकल कॉलेज (medical college) मध्य प्रदेश में खुलने जा रहे हैं। इन कॉलेजों में वर्ष ...और पढ़ें
Publish Date: Thu, 25 Dec 2025 09:43:41 AM (IST)Updated Date: Thu, 25 Dec 2025 09:43:41 AM (IST)
मध्य प्रदेश सरकार ने एक रुपये में 25 एकड़ जमीन दी तब मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए मिले निवेशक।HighLights
- तीन बार के टेंडर के बाद कोई नहीं आया
- सरकार ने इसी वर्ष अप्रैल में बदली शर्त
- चार मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहे है
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया,भोपाल। देश में पहली बार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) से चार मेडिकल कॉलेज (medical college) मध्य प्रदेश में खुलने जा रहे हैं। इन कॉलेजों में वर्ष 2027-28 से एमबीबीएस (MBBS) में प्रवेश प्रारंभ करने की तैयारी है।
यानी वर्ष 2035 तक डॉक्टर निकलने लगेंगे। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कम से कम सौ सीटें होंगी, पर तैयारी 150-150 सीटों से प्रवेश शुरू करने की है। इसके बाद सीटों की संख्या बढ़कर 250 तक हो सकती है।
शर्त यह थी कि निवेशक खुद कॉलेज बनाएगा
पीपीपी से कॉलेज प्रारंभ करना सरकार के लिए बड़ी चुनौती थी। सरकार ने पिछले तीन वर्ष में चार बार इसके लिए निविदा की, पर कोई निवेशक नहीं मिला। पहले पांच, इसके बाद 10 और फिर 12 जिलों में कॉलेज खोलने के लिए निवेशकों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इसमें शर्त यह थी कि निवेशक खुद कॉलेज बनाएगा।
इस मॉडल पर जब निवेशक नहीं मिले
सरकार उसे जिला अस्पताल देगी, जिसे वह विकसित कर बिस्तरों की संख्या बढ़ाएगा। अपनी आय के लिए वह अस्पताल में 25 प्रतिशत बिस्तरों पर शुल्क ले सकता है। इस मॉडल पर जब निवेशक नहीं मिले तो अप्रैल 2025 में सरकार ने शर्तें बदली। सरकार ने मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए एक रुपये में 25 एकड़ जमीन दी तो निवेशक मिल गए।
धार, बैतूल, पन्ना और कटनी में कॉलेज प्रारंभ होने हैं
बता दें कि धार, बैतूल, पन्ना और कटनी में पीपीपी से कॉलेज प्रारंभ होने हैं। इनमें धार और बैतूल में कॉलेज के लिए मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भूमिपूजन किया है। बाकी दो कॉलेजों का भूमिपूजन भी नड्डा 27 दिसंबर को करने वाले थे, जो अभी टल गया है।
अभी यह है शर्त
संबंधित जिले का जिला अस्पताल सरकार निवेशक को देगी। वह उसे नेशनल मेडिकल कमीशन के मापदंड के अनुरूप मेडिकल कॉलेज के अस्पताल रूप में विकसित करेगा। बिस्तरों की संख्या कम से कम 300 तक करना होगा। जांच की सुविधाएं बढ़ानी होंगी।
पांच वर्ष के भीतर निवेशक अपना कम से कम 650 बिस्तर का अस्पताल बनाएगा, जिससे जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज के नियंत्रण से बाहर हो जाएगा। इसके बाद निवेशक अपने अस्पताल में अन्य निजी मेडिकल कॉलेजों की तरह शुल्क ले सकेगा।
पीपीपी मोड से चारों मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने के लिए अधिकतम दो वर्ष का समय दिया है। निवेशक जिला अस्पताल को भी विकसित करेगा, जिससे रोगियों को लाभ होगा।
-तरुण राठी, आयुक्त, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा।