Madhya Pradesh News: मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में आधे कर्मचारी स्थायी और आधे प्रतिनियुक्ति पर होंगे
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इस बारे में संबंधितों को निर्देश जारी किए हैं।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Thu, 25 May 2023 07:26:01 PM (IST)
Updated Date: Thu, 25 May 2023 07:26:01 PM (IST)

Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में आधे अधिकारी-कर्मचारी स्थायी और आधे प्रतिनियुक्ति पर रखे जाएंगे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने इस संबंध में व्यवस्था करने के निर्देश शासन और विश्वविद्यालय के अधिकारियों को दिए हैं।
स्थायी पद होने से विश्वविद्यालय का काम अच्छे से चल सकेगा। पदों पर भर्ती के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यहां के लिए स्वीकृत 275 पदों में से कम से कम आधे इस वर्ष के अंत तक भरने की तैयारी है। अभी यहां मात्र 20 अधिकारी-कर्मचारी ही हैं। यह सभी प्रतिनियुक्ति पर हैं।
मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों की व्यवस्थाओं के संबंध हाल ही में एक बैठक की थी। यहां पर विश्वविद्यालय के कुलपति और रजिस्ट्रार ने पर देरी के पीछे बड़ा कारण स्टाफ की कमी बताया था। इसके बाद मुख्य सचिव ने आधे पद स्थायी रखने को कहा है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. पुष्पराज सिंह बघेल ने कहा कि स्टाफ की कमी के चलते परीक्षाओं में देरी होती है। आधे पद भी भर गए तो स्थिति अच्छी हो जाएगी।
दो वर्ष देरी से हो रही हैं परीक्षाएं
स्टाफ की कमी और ऊपर से परीक्षा कराने वाले एजेंसी माइंड लाजिस्टिक को हटाने की वजह से परीक्षाओं में लगातार देरी हुई। इसके अलावा 2020-21 में कोरोना संक्रमण की वजह से भी परीक्षाओं में विलंब हुआ है। स्थिति यह है कि विभिन्न पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, बेचलर आफ फिजियोथेेपी, मास्टर आफ फिजियोथेरेपी, नर्सिंग पाठ्यक्रम की परीक्षाएं एक से दो वर्ष तक देरी से हो रही हैें। इस कारण विद्यार्थियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। विद्यार्थियों ने सीएम हेल्पलाइन से लेकर कई जगह शिकायत की है। इसी कारण मुख्य सचिव ने सभी परीक्षाओं की जानकारी मांगी थी। परीक्षाओं में देरी पर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी।