लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के लिए कोर्ट रूम तैयार, न्याय निर्णायक अधिकारी को दिए अधिकार
Madhya Pradesh News: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। अपने घर का सपना पूरा करने के लिए बिल्डरों पर भरोसा करके जीवनभर की पूंजी लगाने वाले उपभोक्ताओं से धोखाधड़ी और वादाखिलाफी करना महंगा पड़ेगा। नईदुनिया दो सितंबर से बिल्डरों की धोखाधड़ी और वादाखिलाफी के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। प्रदेश सरकार ने इस पर संज्ञान लेकर बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया है।
उधर, भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने लंबित मामलों को तेजी से निपटकर उपभोक्ताओं को उनका हक दिलाने के लिए नियम में संशोधन की तैयारी कर ली है। इसे लागू करने के लिए श्ाीघ्र ही शासन को भेजा जाएगा। सुनवाई के लिए कोर्ट रूम भी लगभग तैयार हो गया है। न्याय निर्णायक अधिकारी को अधिकार भी प्रत्यायोजित कर दिए गए हैं।
रेरा के अध्यक्ष एपी श्रीवास्तव ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि लंबित मामलों के निराकरण के लिए जो भी कदम उठाए जाने हैं, वे उठाए जा रहे हैं। नियम में जो संशोधन होना है, उसकी तैयारी कर ली है। शासन इन्हें अधिसूचित करेगा। उधर, प्राधिकरण ने बिल्डरों की उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी और वादाखिलाफी जैसे मामलों के निराकरण करने के लिए तेजी के साथ सुनवाई करने कोर्ट रूम तैयार करवाया है।
इसका काम अंतिम चरण में है। इसके बाद कोर्ट में नियमित तौर पर सुनवाई होगी और लंबित मामलों का निराकरण किया जाएगा। जिन मामलों में वसूली की कार्रवाई होनी है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा। इसके लिए अधिकारों का प्रत्यायोजन भी कर दिया गया है। शासन के स्तर पर भी बिल्डरों की धोखाधड़ी और वादाखिलाफी के मामलों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।
नईदुनिया के मुद्दा उठाने के बाद नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने घोषणा की है कि उपभोक्ता के साथ होने वाली धोखाधड़ी और वादाखिलाफी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण द्वारा मध्य प्रदेश भू-संपदा नियम 2017 में संशोधन प्रस्तावित किए जा रहे हैं, उनका परीक्षण करके जल्द निर्णय जाए ताकि लोगों के अपने घर का सपना पूरा हो सके।
यह होगी कार्रवाई
- धोखाधड़ी और वादाखिलाफी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ दंडाधिकारी अधिकार के तहत राशि की वसूली की जाएगी। इसके लिए संपत्ति कुर्क करने सहित अन्य कार्रवाई की जा सकती है।
-उपभोक्ता को राहत नहीं देने पर दोषी बिल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रविधान होगा।
- धोखाधड़ी या सुविधा नहीं देने संबंधी शिकायतों का समय सीमा में निराकरण होगा।