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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। राजधानी में रविवार रात भारत टाकीज रोड स्थित एक आरा मशीन की दुकान में भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में आसपास की तीन दुकानें भी इसकी चपेट में आ गईं। दुकान में रखी लकड़ियां और मशीनें जलकर राख हो गईं। आग की लपटें करीब 30 फीट तक ऊपर उठीं, जिससे पूरा इलाका दहशत में आ गया। लोग अपने घरों और दुकानों से बाहर निकल आए और मौके पर भगदड़ का माहौल बन गया।
आरा मशीन के कर्मचारियों ने तुरंत फायर कंट्रोल रूम को सूचना दी। लगभग 20 मिनट बाद दमकल मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी। कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाने की कोशिश की, मगर लकड़ी के ढेरों के कारण लपटें तेजी से फैलती गईं। फायर दमकल की टीमों ने आसपास की दुकानों में पानी का छिड़काव शुरू किया ताकि आग और न फैल सके।
फायर आफिसर सौरभ कुमार पटेल ने बताया कि आग तीन दुकानों में फैल गई थी। आग पर करीब तीन से चार घंटे में काबू पाया गया।
पांच घंटे तक चला पानी का छिड़काव
आग पर काबू पाने के लिए पुल बोगदा, बैरागढ़, फतेहगढ़, गांधीनगर, यातायात पार्क, माता मंदिर और यूनानी शफाखाना फायर स्टेशन से दमकलें मौके पर भेजी गईं। कुल 10 दमकल कर्मियों ने मिलकर करीब पांच घंटे तक लगातार पानी का छिड़काव किया, तब जाकर आग पर नियंत्रण पाया जा सका। आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है।
30 फीट ऊंची उठीं लपटें, मची भगदड़
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगते ही पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया। आग की 20 से 30 फीट ऊंची लपटें देखकर लोग भयभीत हो गए। फायर वाहनों के सायरन और धुएं से भारत टाकीज रोड का पूरा इलाका जाम हो गया। पुलिस ने लोगों को सुरक्षित दूरी पर हटाया और वाहनों की आवाजाही रोक दी।
108 आरा मशीनों की दुकानें, 11 महीने पहले भी लगी थी आग
बरखेड़ी फाटक से भारत टाकीज तक करीब 108 आरा मशीनें संचालित हैं। उन्हें हटाने को लेकर कई बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे पहले भी इसी क्षेत्र की एक आरा मशीन में 11 महीने पहले भीषण आग लगी थी, जिसमें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। फरवरी 2023 में भी ऐसी ही आग लगी थी, तब भी पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी।
हादसे को दावत- रेलवे पटरी पर लगी तमाशबीनों की भीड़
टिंबर मार्केट के बिल्कुल पीछे रेलवे लाइन गुजरी है। टिंबर मार्केट में आग लगने के बाद तमाशबीनों की भीड़ रेलवे ट्रैक पर लग गई। रेल पटरी पर करीब 200-250 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो गए। इसी दौरान ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन जारी था। हालांकि गनीमत यह रही कि इस दौरान ट्रेनों की रफ्तार बहुत कम थी।
पुलिस ने किया बल प्रयोग, लोगों को खदेड़ा
टिंबर मार्केट में लगी आग का नजारा देखने आसपास के लोग बड़ी संख्या में सड़क और मार्केट के पीछे वाले रेलवे ट्रैक पर इकट्ठा हो गए। लोगों ने अपने वाहन सड़क पर खड़े कर दिए, जिससे जाम लग गया। भीड़ की वजह से स्थिति बिगड़ने लगी, ऐसे में मौजूद पुलिस कर्मियों ने बल प्रयोग कर लोगों को वहां से खदेड़ा। पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचने से रोकने के लिए सड़क को दोनों तरफ से बंद कर दिया। इससे भारत टाकीज और पुल बोगदा की तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
आग को बढ़ने से रोकने के लिए आसपास की टालों को भिगाया गया
आग एक टाल से शुरू हुई और आसपास की दो टालों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। आग को आगे बढ़ने से रोकने के लिए फायर फाइटर्स ने आसपास की टालों पर पानी की बौछारें शुरू कर दीं। इन टालों और वहां मौजूद लकड़ी को पूरी तरह भिगा दिया गया। यह योजना काम आई और आग आगे नहीं बढ़ सकी। इसी दौरान अन्य फायर फाइटर्स ने उन टालों पर लगातार पानी डाला, जहां आग लगी थी।
40 से ज्यादा दमकलें और 20 से ज्यादा टैंकर मौके पर पहुंचे
आग बुझाने के लिए पुल बोगदा, बैरागढ़, फतेहगढ़, गांधी नगर, यातायात पार्क, माता मंदिर और यूनानी शिफाखाना फायर स्टेशन से दमकलें मौके पर भेजी गईं। रात 10 बजे तक 40 से ज्यादा दमकलें और 20 से ज्यादा टैंकर मौके पर पहुंच चुके थे। दमकल कर्मियों ने मिलकर करीब चार घंटे तक लगातार पानी का छिड़काव कर आग पर काबू पाया।
इनका कहना है
फायर आफिसर (नगर निगम) सौरभ कुमार पटेल ने कहा कि "आग शाम करीब सात बजे लगी थी। रात 9 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। टिंबर मार्केट में आग अंडरब्रिज के पास स्थित परवेज भाई की ‘नेशनल टिंबर’ नाम की टाल में लगी थी।"
कलेक्टर ने मौके पर संभाली कमान
घटनास्थल पर पहुंचे कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने आग बुझाने के प्रयासों की निगरानी की और टिंबर मार्केट के कारोबारियों से हालात की जानकारी ली। इस दौरान टिंबर मर्चेंट एंड आरा मशीन एसोसिएशन के अध्यक्ष बदर आलम ने कलेक्टर से मांग की कि शहर में संचालित 100 से अधिक आरा मशीनों को जल्द से जल्द छोटा रातीबड़ क्षेत्र में शिफ्ट किया जाए। इस पर कलेक्टर ने कारोबारियों को सोमवार को कलेक्ट्रेट बुलाया है, जहां शिफ्टिंग प्रक्रिया और कारोबारियों की मांगों पर चर्चा की जाएगी।
कैमिकल के अवैध काम से फैली आग का शक
विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आरा मशीनों के पास ही रसायन (कैमिकल) से संबंधित अवैध काम किया जा रहा था। आशंका जताई जा रही है कि वहीं से आग की शुरुआत हुई और तेजी से कारखानों और आरा मशीनों में फैल गई। कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह ने बताया कि दमकल कर्मियों ने आग पर पूरी तरह काबू पा लिया है। आग लगने के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच के निर्देश दिए गए हैं।
छोटा रातीबड़ में शिफ्ट होंगी आरा मशीनें
भोपाल से करीब 30 किलोमीटर दूर परवलिया के छोटा रातीबड़ क्षेत्र में शहर की 100 से अधिक आरा मशीनों को शिफ्ट किया जाना प्रस्तावित है। यहां आवश्यक सुविधाएं विकसित करने का कार्य जिला उद्योग केंद्र द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए मेट्रो प्रशासन की ओर से 5.50 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।