
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल मेट्रो के संचालन के दूसरे दिन प्रायोरिटी कॉरिडोर पर यात्रियों की संख्या में रविवार के मुकाबले बड़ी गिरावट देखने को मिली । एम्स से सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन तक चल रही मेट्रो में सोमवार को यात्रियों की भीड़ अपेक्षाकृत कम रही। हालांकि शहरवासियों में मेट्रो को लेकर उत्साह अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और लोग अब भी नए परिवहन साधन का अनुभव जा रहे है, लेकिन यह साफ नजर आया कि ज्यादातर यात्री कामकाज के बजाए केवल घूमने के उद्देश्य से मेट्रो का सफर कर रहे हैं।
यह देखकर कहना गलत नहीं होगा कि भोपाल मेट्रो शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है, लेकिन नियमित और कामकाजी यात्रियों को जोड़ने के लिए मेट्रो प्रबंधन को सुविधाओं, समय-सारणी और टिकट जांच व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है। तभी भोपाल में मेट्रो सफल हो पाएगी।
सोमवार को 2896 यात्रियों ने टिकट लेकर मेट्रो में यात्रा की। यह संख्या रविवार के मुकाबले आधे से भी कम रही, जबकि रविवार को लगभग 6668 हजार लोगों ने मेट्रो में सफर किया था। रविवार को जहां मेट्रो के कोचों में पैर रखने तक की जगह नहीं थी, वहीं सोमवार को यात्रियों को आराम से बैठकर यात्रा करते देखा गया। तीन कोच वाली ट्रेनों में दोपहर को अधिकांश सीटें खाली रहीं और यात्री बिना किसी भीड़-भाड़ के सफर का आनंद लेते नजर आए।
नईदुनिया की टीम ने सोमवार शाम 5.10 बजे सुभाष नगर से एम्स की ओर जाने वाली मेट्रो का जायजा लिया। इस दौरान ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम थी। कई यात्री अपने परिवार और बच्चों के साथ मेट्रो यात्रा का आनंद ले रहे थे । मेट्रो स्टेशन के बाहर भी रविवार की तुलना में सन्नाटा रहा। सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के नीचे वाहनों की संख्या भी कम दिखाई दी।
रविवार की अपेक्षा सोमवार को यात्रियों की संख्या कम होने के कारण मेट्रो प्रबंधन को मात्र 89 हजार 380 रुपये की आय हुई । जबकि रविवार को ढाई लाख रुपये के आसपास आय हुई थी। सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन के टिकट काउंटर पर भी सोमवार को भीड़ काफी कम रही । रविवार को जहां टिकट लेने के लिए लंबी कतारें लगी थीं, वहीं सोमवार को काउंटर लगभग खाली दिखाई दिए।
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मेट्रो की टिकट चेकिंग व्यवस्था पहले ही दिन से चरमराई हुई है । सोमवार को कुछ यात्रियों ने केवल केवी मेट्रो स्टेशन तक का टिकट लिया, लेकिन वे रानी कमलापति मेट्रो स्टेशन पर उतर गए । टिकट चेकिंग कर्मचारियों ने उन्हें रोका नहीं और बिना जांच के आगे जाने दिया। नियमों के अनुसार यात्री केवल उसी स्टेशन तक यात्रा कर सकता है, जहां तक का टिकट लिया गया हो, लेकिन मौके पर यह व्यवस्था ध्वस्त नजर आई।